ज्ञानवापी मस्जिद विवाद चल रहा है और मुस्लिम संगठनों ने मस्जिद में सर्वे का विरोध किया है। जमियत-उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कुछ दिन पहले देवबंद में कहा था कि मुसलमान जुल्म सह लेंगे, लेकिन देश पर आंच नहीं आने देंगे। मौलाना महमूद मदनी ने कहा था वो और उनका संगठन ज्ञानवापी विवाद पर कुछ नहीं बोलेगा, क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

वहीं मौलाना महमूद मदनी ने समाचार चैनल एबीपी न्यूज़ के एक कार्यक्रम प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा लिया और पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। इंटरव्यू के दौरान मदनी ने नाइंसाफी का आरोप लगाया। इस आरोप पर पत्रकार ने पूछा कि कहां नाइंसाफी हुई है? इसके जवाब में मदनी ने कहा, “मैं बात कर रहा हूं इंडिया और इंसाफ की। हर जगह हमारे (मुसलमानों) साथ नाइंसाफी हो रही है। हर जगह हो रही है, कौन सी जगह बची हुई है जो बताऊँ आपको? आप कहेंगे ये तो बस वही रोना रोते रहते हैं।”

पत्रकार ने आगे पूछा कि क्या आपका समाज मथुरा, काशी के बारे में सोचेगा और हिन्दुओं को इसे दिया जा सकता है? इसके जवाब में मौलाना महमूद मदनी ने तंज कसते हुए कहा, “सिर्फ वही क्यों, 30 हजार की लिस्ट है ना? तो पूरे 30 हजार की बात करिए। अगर मुसलमानों को अपना दिल बड़ा करना है तो पूरे 30 हजार की बात करे।”

मौलाना महमूद मदनी ने आगे कहा, “सिर्फ मुसलमानों को गाली दी जाए कोई बात नहीं, लेकिन मुसलामानों के नबी को गाली दी जा रही है। गाली देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।” मौलाना महमूद मदनी ने इस इंटरव्यू के दौरान कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। हालांकि ये इंटरव्यू अभी प्रसारित नहीं हुआ है। ये शनिवार रात 8 बजे प्रसारित होगा।

बता दें कि कुछ दिन पहले मौलाना महमूद मदनी ने जमियत-उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा था कि ये हमारा देश है और जिसे ये देश पसंद नहीं, वो यहां से चला जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने ये फैसला किया है कि ज्ञानवापी मुद्दे को सड़क पर नहीं लाया जायेगा और किसी भी डिबेट में इसके बारे में बात नहीं की जाएगी।