उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के एक निजी स्कूल में 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) पर राष्ट्रगान गाने संबंधी आयोजन की इजाजत ने देने पर प्रिंसिपल समेत सभी टीचर्स ने रविवार को इस्तीफा दे दिया है। सभी टीचर्स ने यह कदम मैनेजमेंट की ओर से राष्ट्रगान की अनुमति न मिलने के बाद उठाया है। प्रिंसिपल ने बताया कि इस बार के 15 अगस्त के कार्यक्रम के लिए जो रुपरेखा तैयार की गई थी, उसमें राष्ट्रगान और वंदे मातरम् को शामिल करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन प्रबंधक की ओर से इसकी इजाजत नहीं मिलने के बाद सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला किया है।

प्रिंसिपल ने बताया कि वह स्कूल प्रबंधन के पास 15 अगस्त के दिन राष्ट्रगान, वंदे मातरम् गाने संबंधी इवेंट का आयोजन करने के लिए परमिशन लेने गए थे। मैंने कहा, ‘इस तरह का आयोजन स्कूल में तबसे नहीं हुआ जब से स्कूल की स्थापना (शायद 15 साल से) हुई है। इस साल भी नहीं किया जाएगा। मैनेजमेंट से आयोजन की इजाजत न देने संबंधी कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्हें राष्ट्रगान की एक पंक्ति ‘भारत भाग्य-विधाता’ को लेकर आपत्ति है। प्रिंसिपल ने बताया कि अनुमति ने देने पीछे स्कूल प्रबंधक जिया-उल-हक का तर्क है, ‘लोग खुद अपने भाग्य का निर्धारण करते हैं, राष्ट्र किसी के भाग्य का निर्धारण नहीं करता।’

इलाहाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि हम स्कूल  प्रबंधक को पहले ही नोटिस भेज चुके हैं कि वह स्कूल बंद कर रह है या फिर हम उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। यादव ने बताया कि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल मैनेजर इसलिए राष्ट्रगान का विरोध कर रहा है कि क्योंकि उसे भारत भाग्य विधाता से समस्या है, जो कि उसकी धार्मिक भावनाओं के विपरीत है और कहा गया है कि राष्ट्र गॉड (भगवान) से ऊपर है।