एअर इंडिया ने अपने बोइंग 787 विमानों के फ्यूल स्विच की जांच की। अहमदाबाद प्लेन हादसे के बीच कंपनी ने ये कदम उठाया था। अब कंपनी ने स्विच को ‘लॉक’ करने के सिस्टम का निरीक्षण बुधवार को पूरा कर लिया और इसमें कोई समस्या नहीं पाई गई। एअर इंडिया के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। विमानन नियामक DGCA ने सोमवार को विमानन कंपनियों से उनके बोइंग 787 और 737 विमानों में ‘फ्यूल स्विच लॉकिंग’ सिस्टम की जांच करने को कहा था।

DGCA ने दिया था निर्देश

डीजीसीए का निर्देश एअर इंडिया के बोइंग 787 विमान की दुर्घटना की शुरुआती जांच रिपोर्ट आने के कुछ दिन बाद दिया गया। जांच रिपोर्ट में पाया गया था कि पिछले महीने हुई दुर्घटना से ठीक पहले स्विच बंद हो गए थे। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारी ने एअर इंडिया के पायलटों को भेजे गए एक आंतरिक संदेश का हवाला देते हुए कहा, “वीकेंड में हमारी इंजीनियरिंग टीम ने हमारे सभी बोइंग 787 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) को लॉक करने के सिस्टम का एहतियाती निरीक्षण शुरू किया। निरीक्षण पूरा हो गया है और कोई समस्या नहीं पाई गई।”

अधिकारी ने यह भी बताया कि बोइंग रखरखाव कार्यक्रम के अनुसार सभी बोइंग 787-8 विमानों में ‘थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल’ अपनाया गया है। FCS इसी मॉड्यूल का हिस्सा है। FCS विमान के इंजन में फ्यूल के फ्लो को नियंत्रित करते हैं। Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर शनिवार को अपनी शुरुआती रिपोर्ट जारी की थी। AAIB ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 के दोनों इंजन में फ्यूल पहुंचाने वाले स्विच उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड में बंद हो गए थे जिससे वह तुरंत ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

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क्या कहती है अहमदाबाद प्लेन हादसे की रिपोर्ट?

अहमदाबाद में हुए बेहद भयावह विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार विमान के दोनों इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच RUN से CUTOFF में बदल गए और इस वजह से यह विमान दुर्घटना हुई। Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने यह रिपोर्ट तैयार की है। AAIB की जांच रिपोर्ट के अनुसार कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि उसने फ्यूल क्यों बंद किया जबकि दूसरा पायलट इसके जवाब में कहता है कि उसने ऐसा नहीं किया।

विमान में पायलट इन कमांड सुमित सभरवाल थे जबकि को पायलट कुंदर थे। सभरवाल के पास बोइंग 787 को लगभग 8,600 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जबकि कुंदर के पास 1,100 घंटे से ज़्यादा का। AAIB की रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ान से पहले दोनों पायलटों ने जरूरी आराम भी किया था।