एयर इंडिया का एक वरिष्ठ पायलट बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट उड़ाने के बाद शराब के नशे में पाया गया। भारत के एविएशन सेक्टर में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब फ्लाइट के बाद होने वाले मेडिकल टेस्ट में कोई पायलट शराब के नशे में धुत पाया गया है। बाद में पता चला कि यह पायलट इससे पहले एक बार फ्लाइट से पहले होने वाले अल्कोहल टेस्ट में भी फेल हो चुका है। एक ही पायलट से दोबारा गंभीर गलती होने पर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने पायलट को चार साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। हिंदुस्तान टाइम्स ने DGCA सूत्रों के हवाले से लिखा है, ”प्रीफ्लाइट टेस्ट की तुलना में पोस्ट फ्लाइट मेडिकल टेस्ट में फेल होना ‘गंभीर सुरक्षा चूक’ माना जाता है क्योंकि पायलट ने शराब के नशे में यात्रियों से भरे विमान को उड़ाया। ऐसे मामलों में कोई लापरवाही नहीं की जा सकती।” ज्यादातर पश्चिमी देशों ऐसे अपराध के लिए पायलट को जेल हो जाती है।
मामला बुधवार को एयर इंडिया की शारजाह-कालीकट फ्लाइट का है। ज्यादातर एयरलाइंस अंतर्राष्ट्रीय सेक्टर्स की उड़ानों के क्रू के लिए वापस लौटने पर मेडिकल टेस्ट कराती हैं, क्योंकि बाहरी देशों में टेस्ट कराने के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति काफी खर्चीली होती है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ”कालीकट में लैंडिंग के बाद पायलट टेस्ट में फेल हो गया। बाकी क्रू मेम्बर्स ने टेस्ट पास कर लिया।” एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ”हम घटना की पुष्टि करते हैं। हमने पायलट को हटा दिया है और मामले की जांच के लिए जांच समिति गठित कर दी है।” एक अन्य सूत्र के मुताबिक, ‘भारत में फ्लाइट के बाद शराब के नशे में पकड़े जाने का यह दूसरा मामला है। एक निजी एयरलाइन का पायलट जो हाल ही में टेस्ट में फेल हुआ था, उसे भी चार साल के लिए सस्पेंड किया गया था।
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भारत में पहली बार नियम तोड़ने पर पायलट्स को तीन महीने के लिए सस्पेंड किया जाता है, दूसरी बार तोड़ने पर तीन साल के लिए और चौथी बार पकड़े जाने पर लाइसेंस रद कर दिया जाता है।
