What Is Fuel Control Switch: एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर एक शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच उड़ान के तुरंत बाद कट कर दिए गए थे यानी कि वो बंद हो गए थे। इसे भी क्रैश का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। अब सरकार तो अभी किसी भी तरह के निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहती है, लेकिन सभी जानना चाहते हैं कि आखिर यह फ्यूल कंट्रोल स्विच क्या होता है, आखिर किसी भी फ्लाइट में इसकी क्या भूमिका होती है? इस स्विच को कब ऑन और कब बंद किया जाता है? इस स्विच के खराब होने से क्या हो सकता है? सरल शब्दों में इस पूरी कहानी को समझने की कोशिश करते हैं-
क्या होता है फ्यूल कंट्रोल स्विच?
बिल्कुल ही आसान शब्दों में कहें तो जब इंजन में जो ईंधन की सप्लाई होती है, उसे रेगुलेट करने का काम ये फ्यूल कंट्रोल स्विच करता है। एक विमान में क्योंकि दो इंजन होते हैं, ऐसे में फ्यूल कंट्रोल स्विच भी दो ही रहते हैं। किसी भी विमान में पायलट इन स्विच का इस्तेमाल स्टार्ट या फिर शटडाउन के दौरान करता है। इमरजेंसी स्थिति में तो इंजन बंद और फिर तुरंत शुरू करने के लिए भी इसी स्विच का इस्तेमाल होता है।
फ्यूल कंट्रोल स्विच के क्या-क्या पार्ट?
फ्यूल कंट्रोल स्विच के दो सबसे अहम पार्ट होते हैं- एक तो रहता है रन स्थिति और दूसरा होता है कटऑफ स्थिति। रन स्थिति का सीधा मतलब है कि स्विच को ऑन करते ही विमान के इंजनों तक ईंधन की सप्लाई शुरू हो जाती है। उड़ान के वक्त जिस थ्रस्ट की जरूरत होती है, वो इस स्विच के ऑन होते ही मिलने लग जाती है। अब दूसरा पार्ट होता है कटऑफ, इसका मतलब है कि आपने स्विच बंद कर दिया है। कोई भी पायलट इसका इस्तेमाल तब करता है जब विमान लैंड हो चुका था और उसे बंद करना होता है। कभी कबार इमरजेंसी में भी इसे बंद करते हैं, विमान को आग से बचाने के लिए भी ऐसा किया जाता है।
क्या कभी गलती से ये स्विच ऑन-ऑफ हो सकता है?
नहीं, इस स्विच को गलती से ऑन या ऑफ करने की गुंजाइश काफी कम है। बोइंग 787 के फ्यूल कंट्रोल स्विच तो खास तरीके से डिजाइन किए जाते हैं, इनके चारों ओर एक ब्रैकेट लगा होता है, इसे आप बैरियर भी कह सकते हैं। ऐसे में सबसे पहले आपको स्विच को ऊपर उठाना होगा, उसके बाद दोनों विकल्प खुल पाएंगे- ऑन या फिर कटऑफ। यानी कि यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी है और कोई भी पायलट एक झटके में ऐसा नहीं कर पाएगा।
एअर इंडिया के विमान के साथ क्या हुआ?
AAIB की शुरुआती रिपोर्ट तो कहती है कि विमान ने उड़ान भरते ही 180 नॉट्स की रफ्तार पकड़ ली थी। लेकिन फिर एक सेकेंड के अंदर में ही फ्यूल कंट्रोल स्विच रन मोड से कट मोड पर चला गया था। ऐसा होते ही इंजन को ईंधन मिलना बंद हो गया, थ्रस्ट गायब हो गया और विमान स्पीड से नीचे गिरने लगा। पायलटों में बातचीत हुई और तुरंत फिर फ्यूल स्विच को रन मोड लाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। विमान सिर्फ 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंच पाया और वो क्रैश कर गया।
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