एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद ने मुसलमानों को लेकर नया बयान दिया है। ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय का हवाला देते हुए कहा कि हम किसी जनेऊधारी नेतृत्व की ‘जी हुजूरी’ करने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। सांसद ने मुसलमानों से डर छोड़ते हुए अपने विवेक के आधार पर खुद के लिए वोटे देने की अपील की है।
ओवैसी ने इस संबंध में 28 जुलाई को एक ट्वीट कर अपनी बात रखी है। इसके साथ ही एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है। #BahotHuiJIHuzuri के साथ पोस्ट किए गए इस वीडियो में बड़े दलों में शामिल मुस्लिम नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाया गया है। वीडियो में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि उनकी पार्टी के दामन पर मुसलमानों के खून के दाग हैं।
वहीं कांग्रेस का एक और प्रमुख मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले गुलाम नबी आजाद पार्टी में हिंदू नेताओं द्वारा खुद के साथ भेदभाव वाले व्यवहार की बात कह रहे हैं। अक्टूबर 2018 में गुलाम नबी आजाद के उस बयान का जिक्र है जिसमें वह बताते हैं कि उनकी पार्टी के गैर मुसलमान लीडर अपने चुनाव प्रचार में नहीं बुलाते हैं। उन्हें डर लगता है कि मुझे बुलाने से हिंदू वोट कट न जाएं। इसमें बताया गया है कि कांग्रेस खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा हमदर्द बताती है।
इसके लिए वह अपनी पार्टी में हमेशा कुछ मुसलमान चेहरों को जगह देती है। कांग्रेस को बाबरी मस्जिद विध्वंस, भागलपुर और हाशिमपुरा दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें सवाल उठाया गया है कि कांग्रेस के मुसलमान नेताओं ने अपने समुदाय पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए क्या कदम उठाया है।
वीडियो में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और बसपा के संस्थापक कांशी राम के बयानों का भी जिक्र किया गया है। इसमें बाबा साहेब के उस बयान का प्रमुखता से जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सुरक्षित सीटों से जीत कर आए दलितों के प्रतिनिधि संसद में मुंह खोलते तो सिर्फ जम्हाई लेने के लिए।
वहीं कांशी राम के किताब के हवाले उनकी उस बात को कहा गया है जिसमें उन्होंने दलितों पर अपने समुदायों के हितों की अनदेखी और ताकवतर नेताओं के चापलूसी करने की बात कही थी। ओवैसी की पार्टी ने देश के सेक्युलर पार्टियों में मुसलमानों की जगह और देश से जुड़े निर्णयों में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
