अहमदाबाद में एअर इंडिया का विमान 12 जून को क्रैश हुआ था। एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना पर सरकार की उच्च स्तरीय मल्टी डिस्प्लीनरी समिति ने सोमवार को अपनी पहली बैठक की। इस बैठक में विमान दुर्घटना से संबंधित विभिन्न संभावित कारणों पर चर्चा की गई। बता दें कि यह किसी भारतीय एयरलाइन के लिए चार दशकों में सबसे बुरी दुर्घटना है।

तीन महीने के अंदर पेश होगी रिपोर्ट

इस समिति की अध्यक्षता गृह सचिव गोविंद मोहन कर रहे हैं। इसके अलावा इसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, गुजरात सरकार, भारतीय वायु सेना और खुफिया ब्यूरो, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय सहित विभिन्न अन्य विभागों और एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। उम्मीद है कि यह समिति तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा

इस बैठक में सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने और ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने के लिए रोडमैप बनाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। बताया जाता है कि भारत में पहले की विमान आपदाओं से संबंधित रिकॉर्ड (जैसे कि 2010 मेंगलुरू दुर्घटना और 2020 में एअर इंडिया एक्सप्रेस विमान की कोझिकोड दुर्घटना) और विभिन्न स्टेकहोल्डर्स द्वारा उन्हें कैसे संभाला गया, इस पर भी करीब दो घंटे तक चली बैठक में चर्चा की गई।

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अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाले एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान की दुर्घटना की तकनीकी जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि जब AAIB के नेतृत्व में जांच पहले से ही चल रही है, तो सरकारी समिति क्यों गठित की गई है? तो इसपर एविएशन मिनिस्टर राममोहन नायडू ने शनिवार को कहा था कि AAIB जांच तकनीकी है और अहमदाबाद में हुए दुखद विमान हादसे तक ही सीमित है, जबकि सरकार की उच्च स्तरीय समिति अधिक दृष्टिकोण अपनाएगी और विमानन सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करने पर विचार करेगी।

सरकार की उच्च स्तरीय समिति का उद्देश्य और दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाना भी है, जिसमें टेकनिकल विफलता, मानवीय भूल, मौसम की स्थिति और विनियामक अनुपालन से संबंधित मुद्दों जैसे संभावित कारणों का आकलन शामिल है। इस कमेटी को बचाव कार्यों और उनके बीच समन्वय, केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की आपातकालीन प्रतिक्रिया का आकलन करने का भी काम सौंपा गया है।

कमेटी तैयार करेगी एसओपी

यह समिति व्यापक एसओपी तैयार करेगी और दुर्घटना के बाद की घटनाओं से निपटने और प्रबंधन के लिए विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार संगठनों की भूमिका का सुझाव देगी। यह भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने और दुर्घटना की स्थिति में स्थिति को संभालने के लिए आवश्यक नीतिगत परिवर्तन, परिचालन सुधार का भी सुझाव देगी।

बता दें कि गुरुवार की दुर्घटना में बोइंग 787-8 विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की जान चली गई। अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के मेस में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से जमीन पर मौजूद लोगों की भी जान चली गई।