गुजरात के अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया के विमान हादसे में मारे गए लोगों के परिवार अपने प्रियजनों के शव का इंतजार कर रहे हैं। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल परिसर स्थित कसौटी भवन ने इस वक्त अजनबी लोग परिवार बन गए हैं और एक दूसरे का दुख बांट रहे हैं। हादसे में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों का खून डीएनए टेस्ट के लिए लिया गया है, जिसके आधार पर वो अपनों के शव के लिए घंटों से लेकर दिनों तक इंतजार कर रहे हैं।

हादसे में मारे गए 241 शवों की पहचान के लिए उनके रिश्तेदारों के खून के नमूने को डीएनए टेस्ट के लिए एकत्र किया गया था। शवों के लिए परिवारों को 72 घंटे के समय दिया गया है। ऐसे में उनके परिजनों का दुख कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

बेटे, बहू और पोती के शव का इंतजार कर रहे अब्दुल्ला

अस्पताल में अब्दुल्ला नानाबावा अपने बेटे, बहू और पोती के शव का इंतजार कर रहे हैं। अहमदाबाद विमान हादसे में मारे गए लोगों में अब्दुल्ला के बेटे अकील, बहू हन्न वोराजी और पोती सारा ईद के मौके पर अपने घर आए थे। वो तीनों ब्रिटिश नागरिक थे। अब्दुल्ला हॉस्पिटल में परिवार और दोस्तों के साथ कसौटी भवन में इंतजार रहे हैं। उन्होंने अपने रिश्तेदारों से फोन पर कहा कि वो तभी वापस आएंगे जब उनके पास घर ले जाने के लिए कुछ होगा।

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अस्पताल में अब्दुल्ला जैसे कई और परिवार के सदस्य है जो अपनों का इंतजार कर रहे हैं। ये लोग कभी एक दूसरे से तो कभी घर पर अपने परिजनों से बात कर के एंबुलेंस तथा अंतिम संस्कार की व्यवस्था के बारे बात कर रहे हैं। अस्पताल में मौजूद परिवार के सदस्य एक दूसरे का ख्याल रखते नजर आ रहे हैं। वहां मौजूद लोग एक दूसरे से पूछते हुए कि क्या उन्होंने खाना खाया है, चाय का ऑर्डर देते हुए दिखाई देते हैं, जबकि हर कुछ मिनटों में अस्पताल के ऊपर से उड़ने वाले हवाई जहाजों की आवाज और हवा से सभी के बीच एक अजीब सी खामोशी भर देती है।

शवों के पहचान में तेजी लाने की कोशिश जारी

एक अधिकारी ने बताया, ‘आमतौर पर किसी की मौत के बाद परिवार के सदस्य अंतिम संस्कार करने के लिए इकट्ठा होते हैं। यहां कुछ लोग अस्पताल में शवों का इंतजार कर रहे हैं, जबकि अन्य घर पर उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए यह चुनौतीपूर्ण रहा है। हमने पहचान प्रक्रिया में तेजी लाने की कोशिश की है।’

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नानाबावा परिवार से कुछ ही दूर अनिल पटेल नामक एक सुरक्षा पर्यवेक्षक बैठे हैं, जो अपने बेटे हर्षित और बहू पूजा की मौत पर शोक मना रहे हैं, दोनों लीसेस्टर से आए थे। पटेल को गुरुवार रात करीब 9 बजे बताया गया कि 72 घंटे बाद डीएनए टेस्ट के नतीजे आने पर उन्हें बुलाया जाएगा। फिर भी, वह हर सुबह अस्पताल आते हैं।

अपने आप को घर पर नही रोक पा रहे परिजन

उनके मित्र और सहकर्मी राजेश वाघेला ने बताया कि गुरुवार रात को पटेल ने अपना रक्त का नमूना दिया था, जिसके बाद वे उसे घर ले गए। ‘आधी रात के बाद, उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि वे अस्पताल वापस जाना चाहते हैं। मैंने उनसे कहा कि हमें 72 घंटे तक इंतजार करना होगा, लेकिन वे उस जगह पर जाना चाहते थे, जहां उनके बेटे के शव रखे गए थे। मैंने उन्हें किसी तरह से मना लिया कि मैं उन्हें अगले दिन अस्पताल ले जाऊंगा,’ ये बातें वाघेला ने इंडियन एक्सप्रेस को बताई।

शनिवार और रविवार को भी पटेल सुबह 9 बजे के करीब अस्पताल में वापस आ गए और बैठकर इंतजार करने लगे। आंसू पोंछते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं क्या करूं? मुझे घर पर अच्छा नहीं लग रहा है।’