प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में इस बात की आशंका जताई की अगस्ता वेस्टलैंड केस में एक गवाह की हत्या हो गई है। दरअसल, यह गवाह बीते 4 महीने से लापता चल रहा है। ईडी ने मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के भांजे रकुल पुरी की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह आशंका जताई।

पुरी पर आरोप है कि उन्हें अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में अपनी कंपनियों के जरिए घूस ली। एजेंसी इन आरोपों की जांच कर रही है। उनको गिरफ्तार से मिली अंतरिम राहत फिलहाल बुधवार तक है क्योंकि उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर फिलहाल सुनवाई पूरी नहीं हुई है। ईडी ने पुरी पर यह भी आरोप लगाया है कि उनके तार अगस्ता वेस्टलैंड केस के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल से भी जुड़े हुए हैं।

ईडी की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डीपी सिंह ने कोर्ट ने कहा कि पुरी एक प्रभावशाली शख्स हैं जो भाग सकते हैं। सिंह ने यह भी आशंका जताई कि वे सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ”हमें लगता है कि एक गवाह को जरूर मार दिया गया है। हम उससे संपर्क नहीं कर सके। उसका पूरा परिवार सदमे में है। वे इतने डरे हुए हैं कि उन्होंने एफआईआर तक दर्ज नहीं कराई।”

ईडी ने गवाह की पहचान केके खोसला बताई और स्पेशल जज अरविंद कुमार से कहा कि उनकी उम्र 73 साल है। ईडी के मुताबिक, वह अपने बयान से मुकर गए और बीते 4 महीनों से लापता हैं। ईडी के सूत्रों का कहना है कि खोसला पुरी के लिए काम करते थे और ‘कई तरह की गतिविधियों’ में शामिल थे। उन्होंने एजेंसी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने कुछ वित्तीय लेनदेन की जानकारी दी थी।

वकील ने बताया कि ईडी ने क्रिश्चियन मिशेल और पुरी की कंपनी के बीच 10 लाख डॉलर के लेनदेन का पता लगाया है। वहीं, पुरी के लिए कोर्ट में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी अधिकारी पुरी से 25 बार मिले और बीते चार महीनों में कम से कम 200 घंटे की पूछताछ की। इसके बावजूद वे अब भी उनके घर पहुंच जाते हैं और उन्हें भगोड़ा कह रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि ईडी की जांच राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।