इटली की एक अदालत के फैसले के बाद AugustaWestland डील एक बार फिर चर्चा में है। आरोप है कि इस डील को करने के लिए कंपनियों के अधिकारियों ने भारतीय अफसरों और राजनेताओं को करोड़ों की घूस दी। आरोप सामने आने के बाद 2014 में तत्‍कालीन यूपीए सरकार ने इस डील को कैंसल कर दिया था। हालांकि, 3600 करोड़ रुपए की इस डील में सरकार को कोई आर्थिक घाटा नहीं हुआ। 12 हेलिकॉप्‍टरों की डील में कंपनी ने तीन की डिलिवरी कर दी थी।

कॉन्‍ट्रैक्‍ट की शर्तों के मुताबिक, सरकार ने इन तीनों हेलिकॉप्‍टरों को जब्‍त कर लिया। अब इंडियन एयरफोर्स इन तीनों हेलिकॉप्‍टरों की देखरेख कर रही है। तीन इंजन वाले ये हेलिकॉप्‍टर दिल्‍ली के पालम एयबेस में खड़े हैं। जिन पायलटों को इन हेलिकॉप्‍टरों को उड़ाने की ट्रेनिंग दी गई थी, उन्‍हें दूसरे कामों में लगा दिया गया है। इस बीच, इंडियन एयरफोर्स ने वीवीआईपी के इस्‍तेमाल के लिए छह Mi-17V5 हेलिकॉप्‍टर अलग रखे हैं।

क्‍या भारत ने पैसे रिकवर किए?
भारत ने अगस्‍ता वेस्‍टलैंड को 1620 करोड़ रुपए दिए थे। जनवरी 2014 में केंद्र सरकार ने भारतीय बैंकों में रखी 250 करोड़ रुपए की गारंटी कैश करा ली। जून 2014 में इटली में कानूनी लड़ाई जीतने के बाद भारत सरकार ने इटली के बैंकों में रखी 1818 करोड़ की गारंटी भी कैश करा ली। इस तरह से भारत ने कुल 2068 करोड़ रुपए की रिकवरी की।