विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि 39 भारतीयों को मानव तस्करी के जरिये इराक भेजने के लिये जिम्मेदार एजेंट अब भी अपना धंधा चला रहा है। इस एजेंट ने जिन 39 भारतीयों को इराक भेजा था , उन्हें वहां अगवा कर लिया गया था और बाद में उनकी हत्या कर दी गयी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्य महिला आयोगों से ऐसे गैरकानूनी एजेंटों के खिलाफ मुहिम चलाने का अनुरोध किया। स्वराज ने मार्च में संसद को बताया था कि तीन साल पहले मोसुल में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस द्वारा बंधक बनाये गये 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है।
राज्य महिला आयोगों के एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने अनुरोध किया कि आयोग देशभर में चल रहे ऐसे एजेंटों के गैरकानूनी नेटवर्क के खिलाफ मुहिम शुरू करें।
उन्होंने खेद व्यक्त किया कि जिस एजेंट ने 39 भारतीयों को इराक भेजा था , वह अब भी लोगों को विदेश भेज रहा है। स्वराज ने कहा कि मानव तस्करी रोधी विधेयक का पारित होना एक बहुत अच्छा कदम है लेकिन जब तक ऐसे अवैध एजेंटों के नेटवर्क को खत्म नहीं किया जाता तब तक इसका पूरा प्रभाव नहीं दिखेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई से युवाओं की तस्करी हो रही है, जिन्हें कहा जाता है कि उन्हें चालक दल के सदस्य के तौर पर विभिन्न व्यापारिक जहाजों पर भेजा जा रहा है। लेकिन हकीकत में उन्हें मानव तस्करी के इरादे से भेजा जाता है और जब अन्य देशों में उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है तो वहां से उन्हें मुक्त कराने में बहुत कठिनाई आती है।’’ स्वराज ने लोगों को सिर्फ अधिकृत सरकारी एजेंटों के जरिये ही विदेश जाने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी एजेंटों के माध्यम से जाने वाले लोगों के बारे में मंत्रालय के पास सारी सूचनाएं होती हैं और हम जानते हैं कि कौन उनका नियोक्ता है। इसलिए किसी भी अनपेक्षित घटना के मामले में हमारे पास उनके लिये जिम्मेदार एजेंट होता है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य के आयोगों को ऐसे अवैध एजेंटों की पहचान करने की आवश्यकता है। इनके नाम वे मुख्यमंत्री को दें और उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहें। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसे एजेंटों की पहचान कर उनके खिलाफ मुहिम शुरू की जाती है तो आधी समस्या खत्म हो जायेगी।