पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर बीजेपी से निष्कासित हुईं नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार लगी है। कोर्ट का कहना है कि नूपुर को अपने इस बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। इस बीच, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने भी नूपुर शर्मा को सलाह दी है कि उन्हें माफी मांगकर इस किस्से को खत्म कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस्लाम के मुताबिक, अगर माफी मांग लेते हैं तो पूरा किस्सा खत्म हो जाता है। इसके साथ ही उन्होंने तन से जुदा जैसी बातें करने वाले लोगों को भी निशाने पर लिया और कहा कि इस्लाम इस बात की इजाजत कतई नहीं देता है।
जफर सरेशवाला में कहा, “सिर तन से जुदा करने वाले जो लोग हैं, ऐसी बातें इस्लाम के बिल्कुल खिलाफ हैं। ऐसी कोई हदीस नहीं है। ये जो हदीस है कि गुस्ताख ए रसूल, उसकी एक ही सजा सिर तन से जुदा, ये झूठ है। ये इस्लाम के खिलाफ है। ऐसे लोग गलती कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अगर नूपुर शर्मा ने कोई गलत बात कही थी, तो उस तक सही बात पहुंचाते, लेकिन सिर तन से जुदा वाले जो लोग हैं, ये भी उतने ही दुश्मन हैं पैगंबर के जितना और कोई।
उन्होंने कहा, “हिंदुस्तान में बहुते सारे हिंदुओं ने पैगंबर की जिंदगी के ऊपर किताबें लिखीं। किसी की भी किताब पढ़ लीजिए और फिर तय कीजिए कि 1400 सालों के बाद भी पैगंबर मोहम्मद की इज्जत ये गैर मुस्लिम क्यों करते हैं।”
गौरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के बाद देश में बवाल खड़ा हो गया था। देश के कई हिस्सों में हिंसात्मक प्रदर्शन हुए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह मामला उठा। खाड़ी देशों ने भारतीय राजदूतों को तलब कर अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई। हालांकि, भारत सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर साफ कर दिया था कि किसी टीवी चैनल या सोशल मीडिया पर अगर कोई अपने विचार साझा करता है, तो वो उसके निजी विचार हैं, भारत सरकार उसका समर्थन नहीं करती है।
इसके बाद, मामला थोड़ा शांत पड़ने लगा था कि तभी उदयपुर में एक दर्जी की दिनदहाड़े दो लोगों ने धारदार हथियार से इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। इस घटना के बाद से लोगों में आक्रोश है। मुस्लिम समाज से जुड़े कई लोग इस घटना की निंदा कर चुके हैं और उनका कहना है कि इस्लाम यह कभी नहीं सिखाता।
