Private trains in india, Indian Railways privatisation: सरकार की तरफ से 100 रूटों पर प्राइवेट ट्रेनें चलाए जाने के प्रस्ताव को लेकर कई दिग्गज कंपनियों ने खासा उत्साह दिखाया है। कनाडा की बॉम्बार्डियर Hyundai, अडानी ग्रुप, एल्सटम ट्रांसपोर्ट और मैक्वारी जैसी दिग्गज कंपनियों ने निजी ट्रेनें दौड़ाने के प्रोजेक्ट में रुचि जताई है। इसके अलावा हिताची इंडिया, साउथ एशिया, एस्सल ग्रुप, आईआरसीटीसी जैसी करीब दो दर्ज से ज्यादा कंपनियों ने दिलचस्पी ली है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए 100 रूटों पर 150 निजी ट्रेनें चलाए जाने का प्रस्ताव पेश किया था। यही नहीं एक मीडिया रिपोर्ट में सरकार की ओर से 500 प्राइवेट ट्रेनें चलाने और 750 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने का प्रस्ताव तैयार किए जाने की बात भी सामने आई थी। आइए जानते हैं, निजी ट्रेनों को लेकर क्या है सरकार की पूरी तैयारी…
– सरकार ने 22,500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के तहत 100 रूटों पर 150 ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इन रूटों को भी 10 से 12 कलस्टर्स में बांटा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा जैसे रूटों पर निजी ट्रेनें दौड़ाने को प्राथमिकता दी गई है।
– इन दोनों ही रूटों पर रेलवे ने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है और पटरियों को इस हिसाब से तैयार किया गया है कि ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकें।
– प्रस्ताव के तहत प्राइवेट सेक्टर को अपने ही ट्रेन रेक तैयार करने की भी अनुमति दी जाएगी। ट्रेन के ड्राइवर और कंडक्टर भारतीय रेलवे के ही एंप्लॉयी होंगे। इसके अलावा रखरखाव और अन्य सुविधाएं निजी हाथों में ही होंगी।
– प्राइवेट कंपनियों से रेलवे पटरियों के इस्तेमाल का चार्ज वसूलेगा। निजी ऑपरेटर्स को मार्केट के अनुसार किराया तय करने की अनुमति दी जाएगी।