Kangana Ranaut Emergency Film: एसजीपीसी ने मंगलवार को हिमाचल के मंडी से बीजेपी सांसद व बालीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की आने वाली फिल्म इमरजेंसी के निर्माताओं को सिखों के चरित्र और इतिहास को गलत तरीके से दिखाने के आरोप में कानूनी नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया कि जरनैल सिंह भिंडरावाला और सिख समुदाय के किसी भी शख्स ने कभी भी खालिस्तान की मांग नहीं की है।
यह फिल्म पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को लेकर बनाई गई है और इसमें फोकस 1975 के आपातकाल पर किया गया है। कंगना रनौत इस फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। फिल्म का ट्रेलर 14 अगस्त को रिलीज किया गया था और यह 6 सितंबर को स्क्रीन पर आ सकती है। एसजीपीसी के लीगल एडवाइजर अमनबीर सिंह सियाली ने जो नोटिस भेजा है उसमें कहा गया कि फिल्म के सभी निर्माता सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले दृश्यों को हटा दें। साथ ही ट्रेलर को सार्वजनिक और सोशल मीडिया से भी हटा दें। इतना ही नहीं यह भी कहा गया है कि सिख समुदाय के लिखित रूप से माफी भी मांगे।
इस डायलॉग पर एसजीपीसी ने भेजा कानूनी नोटिस
ट्रेलर में एक डॉयलाग है कि ‘तोहदी पार्टी नू वोट चाहीदे ने अते सानू चाहीदा है खालिस्तान’ का हवाला देते हुए एसजीपीसी ने कहा कि ये दृश्य हैं जिनमें सिख के कपड़े पहने हुए कुछ किरदार लोगों पर गोलियां चलाते हुए दिखाए गए हैं। इस नोटिस में कहा गया कि इस तरह का कोई भी सबूत नहीं है कि भिंडरावाले ने इस तरह की बातें बोली हैं। ऐसा सिख धर्म के इतिहास में कहीं भी नहीं मिलता है।
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सिख संगठनों ने किया इमरजेंसी फिल्म का विरोध
सिख संगठन लगातार इस फिल्म का लगातार विरोध कर रहे हैं और उनका कहना है कि इस फिल्म का मकसद 1984 में इंदिरा गांधी की उनके बॉडीगार्ड द्वारा की गई हत्या पर आधारित एक सिख विरोधी कहानी गढ़ना है। अमृतसर के गोल्डन टेंपल से भिंडरावाले और दूसरे सिख आतंकियों को हटाने के लिए भारतीय सेना के ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने सिख विरोधी दंगों को जन्म दिया। इसमें हजारों की तादाद में सिख मारे गए थे।
एसजीपीसी ने नोटिस में कहा कि यह फिल्म सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सिख धर्म के बारे में गलत शिक्षा देने वाली होगी। इसमें कहा गया है कि यह फिल्म न केवल पंजाब में बल्कि पूरी दुनिया में सिख धर्म के इतिहास के काले दिनों को भी दिखाती है। इसमें कहा गया कि संत जरनैल सिंह और समुदाय के किसी भी शख्स ने कभी भी खालिस्तान की मांग नहीं की है। एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि यह नोटिस एसजीपीसी के हरजिंदर सिंह धामी के निर्देश पर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद में कई सिख विरोधी दृश्य भी सामने आए हैं। इसकी वजह से सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है।