गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को आज हिरासत में ले लिया गया। ये लोग एक टैक्सी चालक द्वारा शुक्रवार रात को युवती के साथ किए गए बलात्कार के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने में असफल रहने पर केंद्र की आलोचना करते हुए हाथ में तख्तियां लेकर आप के कार्यकर्ता आज सुबह सिंह के अशोका रोड स्थित आवास पर पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक दिया और हिरासत में ले लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को संसद मार्ग पुलिस थाने में ले जाया गया।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘इस सरकार को सत्ता में आए हुए छह माह हो गए हैं लेकिन कुछ भी बदला नहीं है। संप्रग के सत्ता में होने के दौरान ये लोग केंद्र पर दोष मढ़ते थे और अब ये खुद जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।’’

पार्टी ने यह मुद्दा संसद में उठाने का संकल्प किया और पूछा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? आप के नेता आशुतोष ने ट्वीट किया, ‘‘आप उबेर बलात्कार का मुद्दा संसद में भी उठाएगी।’’

पार्टी ने कहा कि वह उपराज्यपाल के घर के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेगी। बाद में, एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने भी गृहमंत्री के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और टैक्सी चालक के लिए कड़ी सजा की मांग की।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमरीश रंजन पांडे ने कहा, ‘‘जो सरकार चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर चिंता जताती रही, इस मामले पर वह चुप्पी साधे बैठी है। हम बलात्कारी को कठोर दंड देने की मांग करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निर्भया कांड को दो साल हो गए हैं और इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं के लिए दिल्ली कितनी असुरक्षित है।’’

संगठन ने दावा किया कि उसके 30 प्रदर्शनकारियों को मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया है। बलात्कार की यह स्तब्ध कर देने वाली घटना 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले के दो साल पूरे होने से कुछ ही दिन पहले हुई है। इस हालिया घटना ने दो साल पहले हुए भयावह अपराध की यादें ताजा कर दी हैं।

बहरहाल, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घटना समाज पर एक धब्बा है और इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना नहीं हो सकती। हम इन घटनाओं से काफी दुखी हैं। कड़े कदम उठाने की जरूरत है।’’
मंत्री ने कहा कि मौजूदा कानूनों को और असरदार तरीके से लागू किये जाने की जरूरत है तथा समाज में धारणा में बदलाव होना चाहिए।

सोलह दिसंबर की सामूहिक बलात्कार घटना के दो साल पूरे होने से कुछ दिन पहले हुई इस घटना के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली दिल्ली पुलिस की आलोचना हो रही है।

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिये सुबह के समय अशोक रोड स्थित राजनाथ सिंह के आवास पर पहुंच गए और इस तरह की घटनाओं को नहीं रोक पाने के लिए केंद्र की आलोचना की। प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया तथा उन्हें संसद मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया। बाद में एनएसयूआई कार्यकताओं ने गृहमंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन करते हुए टैक्सी चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमरीश रंजन पांडेय ने कहा, ‘‘चुनाव अभियान के दौरान महिला मुद्दों पर अपनी चिंता जताकर बात करने वाली सरकार मामले पर खामोश है। हम दुष्कर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निर्भया घटना के दो साल बाद ये घटना हुयी है और इस मामले ने फिर साबित कर दिया है कि दिल्ली महिलाओं के लिए असुरक्षित है।’’

विभिन्न दलों के नेताओं ने भी घटना की निंदा की और सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया। माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी। संसद की स्थायी समिति के सामने भी इसे उठाया गया। सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’’

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया ने कहा, ‘‘मामले में घृणित आरोप सामने आए हैं। पुलिस ने चालक की पहचान का सत्यापन नहीं किया है, कैब में कोई जीपीएस नहीं था और इन खामियों के अलावा प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा है। जो भी कुछ कहेगा, राजनीति करेगा और जो भी चुप हैं, वह शासन कर रहे हैं?’’

गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि घटना से ना केवल कानून को लेकर सवाल खड़े हुए हैं बल्कि इसे सामाजिक नजरिए से देखने की भी जरूरत है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह केवल कानून का सवाल नहीं है, घटना हुई और पुलिस ने ठोस कार्रवाई की लेकिन सवाल यह उठता है कि इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं। कानून के अलावा कुछ सामाजिक मुद्दे भी हैं जिन्हें लेकर हम चिंतित हैं।’’