आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने अपने सहयोगी संदीप कुमार के कथित सेक्स स्कैंडल पर लिखे कॉलम पर सफाई दी है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने आशुतोष को नोटिस भेजकर कहा था कि वह अपने ब्लॉग पर सफाई दें। ब्लॉग में आशुतोष ने तर्क दिया था कि कथित सीडी में दोनों व्यक्ति सहमति से सेक्स कर रहे हैं, इसलिए यह अपराध नहीं है। आश्ुातोष ने कहा कि उन्होंने आयोग को बताया है कि वह उनके अभिव्यक्ति के अधिकार में दखल दे रहा है। पूर्व संपादक आश्ुातोष ने कहा, ”मैंने कहा कि जो कुछ मैंने लिखा है, अगर उसके लिए आप मुझे फांसी चढ़ा देना चाहते हैं, तो ठीक है। लेकिन संविधान मेरी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।” आशुतोष ने ट्वीट कर महिला आयोग को भेजा गया दो पन्नों का जवाब भी दिखाया। अपने जवाब में उन्होंने महिला आयोग से ‘स्नूपगेट’ प्रकरण के बारे में पता लगाने को कहा है। स्नूपगेट स्कैंडल में एक महिला की वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा जासूसी किए जाने के आरोप लगाए गए थे। यह प्रकरण उस वक्त का है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गृहमंत्री थे। आशुतोष ने विस्तार से प्रधानमंत्री मोदी और शाह पर ‘आरोप’ लगाए हैं। आशुतोष ने महिला आयोग से कहा है कि वह ”जिस तरह आपने मुझे एक कॉलम लिखने पर नोटिस भेज दिया, उसी तरह उन्हें (मोदी व शाह) को सफाई देने और आगे की जांच के लिए NCW कार्यालय तलब कीजिए।”
एनडीटीवी वेबसाइट के लिए लिखे अपने एक ब्लॉग में आशुतोष ने कहा था, ‘‘इस वीडियो (कथित सेक्स स्कैंडल) में एक महिला और पुरूष के एक यौन कृत्य में शामिल होने का चित्र है। यह वीडियो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि दोनों व्यक्ति एक दूसरे को जानते हैं और सार्वजनिक जगह से दूर एक निजी क्षण में सहमति से सेक्स कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दो वयस्क लोग सहमति से एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं तो क्या यह एक अपराध है?’’
My reply to the NCW notice issued to me. pic.twitter.com/UP9Ab1Pvhf
— ashutosh (@ashutosh83B) September 8, 2016

