केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार को कड़ा झटका देते हुए सतर्कता अदालत ने सौर घोटाला मामले में गुरुवार को मुख्यमंत्री ओमन चांडी और बिजली मंत्री आर्यदन मोहम्मद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। वहीं, माकपा नीत एलडीएफ ने उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की। चांडी ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया और कहा, ‘झूठे आरोप लगा कर और उन्हें नीचा दिखा कर उन्हें पद से नहीं हटाया जा सकता।’ मुख्यमंत्री ओमन चांडी के इस्तीफे की मांग को लेकर माकपा कार्यकर्ताओं का आज प्रदर्शन हिंसक हो गया। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
जांच आयुक्त और विशेष न्यायाधीश (सर्तकता) त्रिशूर द्वारा सतर्कता विभाग को मामले में चांडी और आर्यदन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के कुछ घंटे बाद चांडी ने कहा कि यदि आरोप सही साबित हो जाते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे और सार्वजनिक जीवन से अलग जाएंगे।
सौर घोटाले की प्रमुख आरोपी सरिता एस नायर ने कल कोच्चि में न्यायमूर्ति शिवराजन आयोग के समक्ष गवाही देते हुए चांडी और बिजली मंत्री आर्यदन मोहम्मद को निशाना बनाया था और आरोप लगाया था कि उसने मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी को 1.90 करोड़ रुपए और मोहम्मद को 40 लाख की रिश्वत दी थी। दोनों मंत्रियों ने आरोपों से इनकार किया था ।
अदालत ने पीडी जोसेफ नाम के व्यक्ति की निजी शिकायत पर आदेश जारी किया जिसने सरिता के इन दावों की सतर्कता जांच की मांग की थी कि उसने ‘टीम सोलर कंपनी’ के पक्ष में पसंदीदा फैसले हासिल करने के लिए घूस दी थी। माकपा के वरिष्ठ नेता और नेता विपक्ष वीएस अच्युतानंदन ने अदालत के निर्देश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चांडी को तकनीकी आधार पर सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि चांडी सत्ता में बने रहते हैं तो एलडीएफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी। जिस स्थिति का सामना चांडी को करना पड़ रहा है, वैसी ही स्थिति का सामना पूर्व वित्त मंत्री केएम मणि और आबकारी मंत्री के बाबू को करना पड़ा था जिन्होंने बार रिश्वत मामले में इस्तीफा दे दिया था।
माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा कि चांडी ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने राजनीतिक नैतिकता बनाए रखने का दावा किया था। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘यदि यह सच है तो चांडी को इस्तीफा दे देना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि आर्यदन को भी इस्तीफा दे देना चाहिए।
बाबू ने 23 जनवरी को बार रिश्वत मामले में सतर्कता विभाग द्वारा उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के चंद घंटे बाद इस्तीफा दे दिया था, जबकि मणि को हाई कोर्ट की कुछ कड़ी टिप्पणियों के बाद हटना पड़ा था।
इस बीच, माकपा और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किए। यहां राज्य सचिवालय की ओर माकपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
राज्य सचिवालय के सामने जमा हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और सचिवालय के सामने पुलिस घेराबंदी को तोड़ने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
आंदोलनकारियों ने चांडी के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगाए और सचिवालय के छावनी गेट की ओर बढ़े। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। माकपा नेता और विधायक वी शिवानकुट्टी ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
