Republic Day 2025 Celebrations: दिल्ली में 76वें गणतंत्र दिवस को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं। कर्तव्य पथ की सुरक्षा में 15 हजार जवानों को तैनात किया है। 6 लेयर की सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया है। सभी जगह पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है। गणतंत्र दिवस की परेड के रूट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस बार का गणतंत्र दिवस “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” की थीम के तहत मनाया जाएगा।
गणतंत्र दिवस की परेड हर साल कर्तव्य पथ पर आयोजित की जाती है। इसमें दुनिया भर से मेहमानों, दर्शकों और देश भर से मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया जाता है। कर्तव्य पथ पर मौजूद लोगों के अलावा बड़ी संख्या में लोग अपने टीवी या मोबाइल स्क्रीन पर गणतंत्र दिवस की परेड का सीधा प्रसारण देखते हैं।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति होंगे मुख्य अतिथि
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। यह भारत और इंडोनेशिया के बीच राजनयिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इंडोनेशिया से 160 सदस्यीय मार्चिंग दल और 190 सदस्यों वाला बैंड दल भी परेड में भाग लेगा और यह भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों के साथ कर्तव्य पथ पर मार्च करेगा।
अलग-अलग राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों की 31 झांकियां गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगी। 34 कैटेगरी में 10 हजार से अधिक विशेष अतिथियों को गणतंत्र दिवस समारोह देखने के लिए निमंत्रण दिया गया है। इन अतिथियों का चयन समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए किया गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, एनसीसी और एनएसएस इकाइयों के मार्च पास्ट की सलामी लेंगी। राष्ट्रपति इस मौके पर ध्वजारोहण भी करेंगी।
क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली लेकिन इसके पास अपना संविधान नहीं था। संविधान का मसौदा डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व वाली संविधान सभा ने तैयार किया था और इसने गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट की जगह ली थी। समिति ने 4 नवंबर, 1948 को संविधान सभा में संविधान का अंतिम मसौदा पेश किया। 26 जनवरी 1950 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। 26 जनवरी को ही भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मान्यता दी गई क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यह दिन भारत के इतिहास में एक मील का पत्थर है क्योंकि संविधान लागू होने के बाद भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बना था। इस दिन को बेहद खुशी, सम्मान और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जाता है।
देश भर में मनाया जाता है गणतंत्र दिवस का उत्सव
गणतंत्र दिवस का उत्सव सिर्फ नई दिल्ली की परेड तक सीमित नहीं है बल्कि यह पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों और कई सरकारी व निजी दफ्तरों में भी देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में प्रधानाचार्य राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और आजादी के आंदोलन को लेकर विशेष सत्र और भाषण आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, देशभक्ति गीत, नाटक और नृत्य भी प्रस्तुत किए जाते हैं। विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों के जरिये स्कूलों में गणतंत्र दिवस का महत्व बताया जाता है।
कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में देश भर के कई स्कूलों के बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। इसके अलावा इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के प्रमुख विभागों की झांकी भी कर्तव्य पथ पर निकाली जाती है। परेड के अलावा विमानों के एयर शो के अलावा और भी कई कार्यक्रम होते हैं।
गणतंत्र दिवस की परेड का वक्त
गणतंत्र दिवस की परेड आम तौर पर सुबह 9 बजे शुरू होती है। गणतंत्र दिवस में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित तमाम गणमान्य व्यक्ति शामिल होते हैं। इस दिन होने वाले कार्यक्रमों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
गणतंत्र दिवस की परेड में भारत की सशस्त्र सेनाओं का पराक्रम देखने को मिलता है। परेड की शुरुआत भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की टुकड़ियों के अनुशासित मार्च से होती है। सभी रेजिमेंट एक साथ कदमताल करते हुए चलती हैं जिसमें उनका जबरदस्त तालमेल देखने को मिलता है।
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सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां
गणतंत्र दिवस परेड का बड़ा आकर्षण विभिन्न राज्यों, विभागों और स्कूलों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होती हैं। इसमें राज्यों के खास त्यौहार, लोक नृत्य और वहां की विशिष्ट संस्कृति को दिखाया जाता है। स्कूलों के बच्चे भी इस परेड का खास हिस्सा होते हैं। मार्चिंग बैंड्स से लेकर एनसीसी के कैडेट्स की कदमताल का आकर्षण अनूठा होता है। परेड में टैंकों, मिसाइलों और विमानों जैसे आधुनिक सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन भी होता है, जो न केवल देखने में शानदार होते हैं, बल्कि देशभक्ति और भारत की रक्षा ताकत को भी दिखाते हैं। हर साल भारतीय वायुसेना इस परेड का समापन अद्भुत फ्लाईपास्ट से करती है, जिसमें सुखोई, रफाल और तेजस जैसे लड़ाकू विमान शामिल होते हैं।
राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह दिन सभी देशवासियों के लिए सामूहिक उल्लास और गौरव का विषय है और संविधान लागू होने के बाद के ये 75 साल हमारे युवा गणतंत्र की सर्वांगीण प्रगति के साक्षी हैं।
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