प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि बीते तीन सालों में 30 करोड़ परिवार प्रधानमंत्री जन धन योजना से जुड़े हैं और उनके खातों में 65,000 करोड़ रुपये जमा हुए। मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि 28 अगस्त को जन धन योजना के तीन साल पूरे हो जाएंगे। मोदी ने कहा, “हमने 30 करोड़ नए परिवारों को इससे जोड़ा है, उनके नए खाते खोलें हैं। यह संख्या कई देशों की जनसंख्या से ज्यादा है।” उन्होंने कहा कि गरीब देश की अर्थव्यवस्था के मुख्यधारा का हिस्सा बन चुके हैं और गरीब धन बचा रहे हैं और इसके साथ आने वाली सुरक्षा को महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “यदि पैसा हाथ में रहता हैं तो ज्यादा खर्च करने की इच्छा होती है। आज संयम का माहौल है। गरीब आदमी महसूस करता है कि जो पैसा उसने बचाया है वह उसे अपने बच्चे या किसी अच्छे उद्यम में लगाएगा।” मोदी ने कहा कि रुपये कार्ड ने गरीब की गरिमा को बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “गरीबों ने बैंकों में 65,000 रुपये जमा किए हैं। यह उनकी बचत है और भविष्य में उनके ताकत का स्रोत है।”

मोदी ने यह भी कहा कि गरीब लोग बीमा योजनाओं- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से फायदा पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लाखों युवाओं को मुद्रा योजना के तहत कर्ज मिल रहा है। इससे उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने में सहायता मिली है और उन्होंने रोजगार के मौके पैदा किए हैं।

आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जन-धन योजना’ वित्तीय समावेशीकरण के संदर्भ में भारत में ही नहीं पूरे विश्व में आर्थिक जगत के पंडितों की चर्चा का विषय रही है। उन्होंने कहा कि 30 करोड़ नये परिवारों को इसके साथ जोड़ा गया है, बैंक खाता खोला गया है। दुनिया के कई देशों की आबादी से भी ज़्यादा ये नंबर है। आज मुझे एक बहुत बड़ा समाधान है कि तीन साल के भीतर-भीतर समाज के उस आखिरी छोर पर बैठे गरीब देश की अर्थव्यवस्था के मूल-धारा का हिस्सा बने है, उसकी आदत बदली है। वह बैंक में आने-जाने लगा है, पैसों की बचत करने लगा है, पैसों की सुरक्षा महसूस कर रहा है।