अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के एक साल बाद, जम्मू और कश्मीर पुलिस के अधिकारी और कर्मियों को इस स्वतंत्रता दिवस पर गैलेंट्री अवॉर्ड्स यानी देश के वीरता पुरस्कारों से नवाजा जाएगा। जम्मू और कश्मीर पुलिस के 81 अधिकारियों और कर्मियों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा।

गैलेंटरी अवॉर्ड्स की लिस्ट में जम्मू-कश्मीर पुलिस पहले स्थान पर आई है और दूसरे स्थान पर सीआरपीएफ ने कब्जा जमाया है। वहीं तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश की पुलिस का नाम है। इस वर्ष, 215 गैलेंट्री अवार्ड्स में से 40 फीसदी पर सिर्फ जम्मू-कश्मीर के जवानों का कब्जा है। वहीं आतंकवाद विरोधी अभियानों, छत्तीसगढ़ और झारखंड में माओवाद विरोधी अभियानों में भाग लेने के लिए 55 पदक के साथ सीआरपीएफ दूसरे नंबर पर है। इनमें से 41 पदक कश्मीर में किए गए अभियानों के लिए मिले हैं। तीसरा स्थान हासिल करने वाली उत्तर प्रदेश की पुलिस को 23 मेडल हाथ लगे हैं।

दोनों सेनाओं ने जम्मू-कश्मीर में संचालन के लिए 123 वीरता पदक प्राप्त किए हैं। CAPFs का CISF एकमात्र बल है जिसे शौर्य चक्रों से नवाजा गया है। सीआईएसएफ के चार कर्मियों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उप-निरीक्षक महावीर प्रसाद गोदारा, हेड कांस्टेबल एरना नायक, कांस्टेबलों महेंद्र पासवान और सतीश कुशवाहा को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।

गोदारा ने पिछले साल छह मार्च को सर्वोच्च बलिदान दिया था, जब वह दिल्ली में सीजीओ कॉम्प्लेक्स के पं. दीन दयाल अंत्योदय भवन में स्थित सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की पांचवीं मंजिल पर स्थित कार्यालय में आग लगने के बाद वहां से लोगों को निकाल रहे थे। अन्य तीन की ओएनजीसी मुंबई संयंत्र में विस्फोट के दौरान मृत्यु हो गई थी।

एनआईए के दो आईपीएस अधिकारी, डीआईजी विधी कुमार बर्डी और एसपी तेजिंदर सिंह, जिन्हें पीएमजी से सम्मानित किया गया है, वे भी जम्मू-कश्मीर से हैं। जबकि बर्डी ने नॉर्थ कश्मीर रेंज के डीआईजी के रूप में कई आतंकवाद विरोधी अभियानों को संभाला है, सिंह एनआईए में शामिल होने से पहले पुलवामा और बडगाम के एसपी थे।