देश में तीन साल के दौरान 2.92 करोड़ पासपोर्ट जारी किए गए हैं जबकि इस दौरान पांच करोड़ से अधिक लोगों ने विदेश यात्रा की है। यह जानकारी सरकार की ओर से लोकसभा में दी गई। सांसद किरण खेर, मोहनभाई कुंडारिया और संजय सेठ ने इस संबंध में संसद के निचले सदन में सवाल पूछे थे। उन्होंने पूछा था कि देश में तीन साल में कितने पासपोर्ट जारी किए गए? इस अवधि में कितने लोगों ने विदेश यात्रा की? सदस्यों की ओर से सरकार से पासपोर्ट सेवा केंद्रों का राज्यवार ब्योरा भी मांगा गया। इसके अलावा सदस्यों ने यह भी पूछा था कि क्या सरकार देश में कागजी पासपोर्ट के स्थान पर चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी करने के प्रस्ताव पर कार्य कर रही है और ई-पासपोर्ट के लिए एकत्रित आंकड़ों की गोपनीयता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं।
इन सवालों के विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने लोकसभा में लिखित जवाब दिए। मंत्री ने बताया कि तीन सालों के दौरान देश में जारी किए गए पासपोर्ट की कुल संख्या 2,92,93,011 है। अप्रवासन ब्यूरो (बीओआइ) की ओर से उपलब्ध कराए आंकड़ों के मुताबिक तीन साल में भारत से विदेश यात्रा करने वालों की संख्या 5,06,86,763 रही। मंत्री ने बताया कि सरकार अपने नागरिकों को उन्नत सुरक्षा सुविधाओं वाले ई-पासपोर्ट जारी करने की योजना बना रही है। नमूना ई-पासपोर्ट का परीक्षण कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि इससे संबंधित तकनीकी इको सिस्टम और बुनियादी ढांचा तैयार होने के बाद पूर्ण पैमाने पर ई-पासपोर्ट का निर्माण किया जाएगा और इसे जारी करना शुरू किया जाएगा। ई-पासपोर्ट, मौजूदा मशीन रीडेबल पासपोर्ट (एमआरपी) के समान ही इलेक्ट्रानिक चिप वाला पासपोर्ट है, जिसमें पासपोर्ट के डेटा पेज पर छपी जानकारी ही अंकित होती है जैसे धारक का नाम, जन्मतिथि, फोटो आदि।मुरलीधरन के मुताबिक आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होंगे और चिप में सुरक्षित किए जाएंगे। ई-पासपोर्ट के लिए नागरिकों के डेटा का उपयोग केवल विशिष्ट उद्देश्य यानी पासपोर्ट जारी करने और संबंधित सेवाओं के लिए ही किया जाएगा। डेटा का अन्य उपयोग नहीं होगा और वह पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। एक बार डेटा लेने के बाद इसे एक सुरक्षित स्थान यानी उद्योग मानक डेटाबेस में संग्रहित किया जाता है।
केरल में सबसे अधिक 13 पासपोर्ट सेवा केंद्र : मुरलीधरन ने लोकसभा में दिए अपने लिखित जवाब में बताया कि देश में कुल 93 पासपोर्ट सेवा केंद्र हैं जिनमें से केरल में सबसे अधिक 13 केंद्र हैं। मंत्री के मुताबिक महाराष्ट्र व तमिलनाडु में आठ-आठ, उत्तर प्रदेश में छह, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब व तेलंगाना में पांच-पांच, आंध्र प्रदेश में चार, दिल्ली व पश्चिम बंगाल में तीन-तीन, बिहार, हरियाणा व मध्य प्रदेश में दो-दो और अरुणाचल प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओड़ीशा, पुदुचेरी, सिक्किम, त्रिपुरा व उत्तराखंड में एक-एक पासपोर्ट सेवा केंद्र है।