केंद्र सरकार ने समाज के सभी संप्रदायों के उत्थान के लिए करोड़ों रुपये के फंड का बंदोबस्त किया है। लेकिन, इस फंड के अधिकांश हिस्से की जानकारी नहीं मिल पाई है। अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति को बेहतर बनाने के मकसद से ‘मल्टी सेक्टोरल डिवलपमेंट प्रोग्राम’ (एमएसडीपी) के तहत करोड़ों रुपये का फंड राज्यों को भेजा जा चुका हैं। लेकिन, इन पैसों का इस्तेमाल राज्य नहीं कर पाए हैं। 12वें प्लान के तहत (जिसकी समय सीमा मार्च 2017 में खत्म हो गयी) दिए गए फंड में से अभी तक लगभग 1800 करोड़ रुपये का हिसाब केंद्र सरकार को नहीं मिल पाया है।
‘इकोनॉमिक्स टाइम्स’ के हवाले से छपी ख़बर के मुताबिक अल्पसंख्यक मंत्रालय लगातार राज्यों को 12वें प्लान के तहत मिले पैसों के इस्तेमाल का पूरा ब्यौरा भेजने की बात कही है। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए भेजे गए पैसों का पूरा ब्यौरा नहीं भेजने में सबसे पहले पायदान पर असम है। असम ने अभी तक 479 करोड़ रुपये का इस्तेमाल की जानकारी नहीं दी है। जबकि बिहार ने 404 करोड़ और पश्चिम बंगाल ने 346 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं भेजा है। इनके अलावा अभी तक के मिले आंकड़ों में अरुणाचल प्रदेश जिसके पास अभी 116 करोड़ रुपये पड़ा है, वहीं उत्तर प्रदेश 101 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों की भलाई में नहीं कर सका है। अधिकांश राज्यों ने 1 से 10 करोड़ रुपये का ब्यौरा नहीं भेजा है।
जानकारी के मुताबिक राज्यों को भेजे गए फंड के पू्र्ण इस्तेमाल का ब्यौरा केंद्र को भेजना आनिवार्य किया गया है। हालांकि, अभी तक अधिकांश राज्यों ने डिटेल नहीं दी है।