झारखंड के पलामू जिले में कल देर रात पुलिस और सीआरपीएफ ने एक मुठभेड़ में 12 माओवादियों को मार गिराया। मारे गए माओवादियों में एक शीर्ष ‘कमांडर’ शामिल है।
पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने कहा, ‘‘मुठभेड़ करीब एक बजे रात को रांची से लगभग 140 किलोमीटर दूर बकोरिया गांव में हुई। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं।’’
सीआरपीएफ के महानिदेशक प्रकाश मिश्रा ने कहा कि शीर्ष माओवादी ‘जोनल कमांडर’ आर के उर्फ अनुराग उर्फ डॉक्टर और राज्य में एवं उसके आसपास सक्रिय सशस्त्र नक्सल समूहों के उप जोनल समिति के दो और सदस्य मारे गए। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक बड़ी सफलता है।’’
मिश्रा ने कहा कि अनुराग 2013 में राज्य के लातेहार जिले में मारे गए सीआरपीएफ के एक जवान के शव को आईईडी से उड़ाने के मामले में मुख्य संदिग्ध था। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ के बाद करीब 8-10 ‘अत्याधुनिक हथियारों’ का एक जखीरा भी जब्त किया गया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ऑपरेशन) एस एन प्रधान ने बताया कि माओवादियों के जिले में जाने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद कोबरा बटालियन और जिला पुलिस मौके पर रवाना हुई। प्रधान ने कहा कि सुरक्षा जवानों को देखकर माओवादी वाहन से उतर आए और उन्होंने जवानों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। उन्होंने कहा कि जवाबी कार्रवाई में 12 माओवादी मार गिराए गए।
प्रधान ने कहा कि माओवादी दो वाहनों में सवार थे। एक वाहन को नक्सली भगाकर ले गए जबकि दूसरे वाहन से उतरकर उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह भाकपा (माओवादी) के ‘जोनल कमांडर’ आर के उर्फ डॉक्टर का दस्ता था। स्थिति का जायजा लेने के लिए झारखंड जा रहे मिश्रा ने कहा, ‘‘जिन टीमों ने आज माओवादी दस्ते पर कार्रवाई की वे कुछ खुफिया जानकारियों पर काम कर रहे थे और रणनीति के अनुरूप इलाके में गए एवं अभियान को अंजाम दिया। राज्य पुलिस और सीआपीएफ के बीच अच्छा समन्वय था।’’
पिछले साल दुमका में हुए माओवादी हमले के बाद से यह इस तरह की पहली बड़ी घटना है। पिछले साल 20 अप्रैल को माओवादियों ने दुमका में पुलिस के वाहन पर उस समय हमला बोला था, जब पुलिस दल लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण को पूरा करके लौट रहा था। घटना में छह पुलिसकर्मियों समेत आठ लोग माओवादियों के हाथों मारे गए थे।