African Cheetah : अफ्रीकन चीतों की दूसरी खेप भारत पहुंच गयी है। नामीबिया से आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए जाने के ठीक पांच महीने बाद दक्षिण अफ्रीका से अब 12 चीतों की दूसरी खेप को बसाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का समूह IAF C-17 की उड़ान से ग्वालियर पहुंचाया जा चुका है।

इन चीतों को एम-17 हेलिकॉप्टरों से सुबह करीब 11 बजे कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा चीतों को उनके बाड़ों में छोड़ा जाएगा। यह कार्यक्रम 11 बजे शुरू होगा।

2022 में हुआ था समझौता

भारत और दक्षिण अफ्रीका ने जनवरी 2022 में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। भारत लाए गए इन 12 चीतों में 5 मादा चीते हैं। यह पहली बार हो रहा है कि अफ्रीका से भारत में इतनी बड़ी चीतों की खेप लाई जा रही है। दक्षिण अफ्रीका के वन विभाग ने चीतों को भारत के लिए रवाना करते हुए एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया जा रहा है। 12 चीतों को भारतीय वायु सेना के गैलेक्सी ग्लोबमास्टर सी17 ट्रांसपोर्ट पर लोड किया गया था। उन्हें ड्रिप से हाइड्रेट किया जाएगा और उनकी कॉलर फिटिंग भी चेक की जाएगी।

सभी चीते होंगे क्वारंटीन

सभी चीतों को दोपहर करीब 1 2 बजे कूनो नेशनल पार्क पहुंचने के आधा घंटे बाद क्वारंटीन बाड़े में रखा जाएगा। केएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी चीतों के लिए 10 क्वारंटीन बाड़े बनाए गए हैं।

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एक बाड़े में चीतों की जोड़ी रखी जाएगी। उत्तम शर्मा ने कहा केएनपी में चीतों को लाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले साल सितंबर की शुरुआत में केएनपी का दौरा किया था। इसके बाद पिछले महीने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए एमओयू के मुताबिक यह चीते भारत को दान में दिए गए हैं। हालांकि इन चीतों से स्थानांतरण और इन चीतों को पकड़ने के लिए हर चीते के लिए 3,000 अमरीकी डालर का भुगतान करना पड़ता है। बता दें कि भारत ने पिछले साल अगस्त में इन दक्षिण अफ्रीकी चीतों को एयरलिफ्ट करने की योजना बनाई थी, लेकिन दोनों देशों के बीच औपचारिक ट्रांसलोकेशन समझौते पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण ऐसा नहीं कर सका।