मदर्स डे (Mothers Day) का इतिहास करीब सवा सौ साल पुराना है। इसकी शुरुआत अमेरिकी एक्टिविस्ट एना जारविस ने साल 1908 में की थी। एना ने मदर्स डे को मान्यता दिलाने के लिए जमीन-आसमान एक कर दिया था, तमाम मुश्किलें झेली थी, लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब वही इससे नफरत करने लगीं। एना ने मदर्स डे के खिलाफ बाकायदा अभियान भी चलाया।
कौन थी एना जारविस? एना का जन्म एक मई 1864 को अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में हुआ था। ये वो दौर था जब अमेरिका सिविल वॉर से जूझ रहा था। लोग परेशान थे…तमाम मुश्किलों का सामना कर रहे थे। एना के 9 भाई-बहन टाइफाइड, खसरा और डायरिया जैसी बीमारियों से असमय काल के गाल में समा गए थे। एना को सबसे ज्यादा प्रेरणा अपनी मां एन रीव्स जारविस ( Ann Reeves Jarvis) से मिली, जो उस दौर में महिला अधिकारों और उनकी भलाई के लिए काम कर रही थीं।
एन रीव्स जारविस, कामगार महिलाओं को साफ-सफाई, बच्चों की देखभाल, मां और बच्चों की मृत्युभर को कम करने की दिशा में काम करती थीं और महिलाओं को ट्रेनिंग भी दिया करती थीं। वो कहती थीं, ”मैं प्रार्थना करती हूं कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब दुनियाभर की मांओं के लिए एक खास दिन बनेगा और सच्चे हृदय से मानवता की सेवा करने वाली मांओं को उस दिन सम्मानित किया जाएगा।”
मां की मौत के बाद उठाया बीड़ा: साल 1905 में एना की मां एन रीव्स जारविस का देहांत हो गया। इसके बाद एना ने अपनी मां का सपना साकार करने का फैसला लिया। उन्होंने नेताओं, उद्योगपतियों, चर्च आदि को पत्र लिखने शुरू किया और मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के तौर पर मनाने और मांओं को समर्पित करने के लिए समर्थन मांगा। एना ने मई के दूसरे रविवार को इसलिये भी चुना था क्योंकि यह दिन 9 मई के बिल्कुल करीब था, जो उनकी मां की पुण्यतिथि थी।
3 साल बाद मिली सफलता: आखिरकार एना की मेहनत रंग लाने लगी। साल 1908 में पहली बार मदर्स डे के दो कार्यक्रम आयोजित किये गए। पहला एना के होमटाउन ग्रेफ्टन के एंड्रयूज़ मेथॉडिस्ट चर्च में और दूसरा फिलाडेल्फिया में। इसके बाद मदर्स डे पर आयोजनों की संख्या में इजाफा होने लगा।
अंतत: बन गया कानून: साल 1914 में अल्बामा के जेम्स हेफलिन ने अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में मदर्स डे को मान्यता देने के लिए एक औपचारिक कानून पेश किया। चंद दिन तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने इसे अमरीका का राजकीय दिवस घोषित कर दिया।
क्यों चलाया अभियान?: जैसे-जैसे मदर्स डे की लोकप्रियता बढ़ी, इसका व्यवसायिकरण भी बढ़ा। फूल, ग्रीटिंग कार्ड, चॉकलेट, गिफ्ट्स इंडस्ट्री के लिए जैसे ये कोई सुनहरा मौका हो। सब इस दिन को भुनाने में लग गए। इससे एना जारविस बहुत दुखी हुईं और उन्होंने इसके खिलाफ अभियान चलाना शुरू कर दिया। तमाम पत्र लिखे, नेताओं से मिलीं लेकिन कोई खास लाभ होता नहीं दिखा।
जेल भी जाना पड़ा था: इसके बाद एना ने मदर्स डे को खत्म करने के लिए कैंपेन शुरू कर दिया। घर-घर जाकर लोगों से सिग्नेचर कराए। साल 1925 में ऐसे ही एक प्रोटेस्ट के दौरान उनकी गिरफ्तारी भी हुई और जेल जाना पड़ा। अपने आखिरी वक्त में एना बिल्कुल अकेली पड़ गई थीं। दिखना-सुनना भी कम हो गया था। नवंबर 1948 में एक वृद्धाश्रम में उनका निधन हो गया था।