पूरी दुनिया में महिलाओं के लिए अलग-अलग आकार, रंग और शेप के नकाब पहने जाते हैं। इनमें से कई प्रतिबंधित हैं तो कई फैशन का हिस्सा भी हैं। देश और स्थानीयता के साथ-साथ इनमें बदलाव देखने को मिलता है। कुछ नकाबों का जिक्र कुरान में भी मिलता है। वहीं कुछ नकाब जबदरस्ती लोगों पर थोपे जाते हैं।
अबाया: इस तरह के नकबा अरब देशों और उत्तरी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में नजर आते हैं। मुख्यतौर पर यह काले रंग में होते हैं। ढीला लबादा पूरे शरीर को ढके रहता है लेकिन चेहरा, हाथ और पैर खुले रहते हैं।
बुरका: यह तालिबान की ओर से थोपा गया है। मुख्यतौर पर इसे अफगानिस्तान में पहना जाता है। इसके जरिए चेहरे सहित पूरे शरीर को ढका जाता है। हालांकि आंखों के सामने जालीनुमा कपड़ा होता है जिससे बाहर देखा जा सके। ये नीले, भूरे, हरे और सफेद रंग में होते हैं।
चादूर: इसे शॉल की तरह सिर के ऊपर से ढका जाता है। इस तरह के लबादे ईरान में ओढ़े जाते हैं। इसे हाथ के जरिए गर्दन के नीचे थामा जाता है। ज्यादातर यह काले रंग में ही होते हैं।
हिजाब: इस्लामी नकाबों के लिए पश्चिमी देश हिजाब शब्द का ही इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मुख्य तौर पर इसका मतलब सिर का स्कार्फ है। यह फैशन ट्रेंड और जगहों के हिसाब से बदलता रहता है।
जिलबाब: इसका जिक्र कुरान में किया गया है। यह मुख्य रूप से बचावकारी कपड़ा होता है। इंडोनेशिया में यह सिर से पैर तक होता है तो अफ्रीका में लंबे ट्यूनिल के रूप में होता है।
खिमर: हिजाब और जिलबाब के साथ ही इसका भी जिक्र कुरान में मिलता है। ऐतिहासिक रूप से देखें तो इसका मतलब होता है सम्मान को बढ़ावा देने वाला कपड़ा।
निकाब: ऐसा नकाब जिसमें आंखों को छोड़कर पूरे चेहरे को ढका जाता है। सऊदी में अबाया के साथ इसे पहना जाता है। दक्षिण एशिया में हाफ निकाब पहना जाता है।