नारायण दत्त (एनडी) तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल में हुआ था। एनडी तिवारी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री रहे थे। तिवारी को राजीव गांधी का करीबी नेता माना जाता था। यही वजह थी कि जब राजीव पर बोफोर्स डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे तो वह एनडी तिवारी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे। लेकिन एनडी तिवारी ने खुद ही इसके लिए मना कर दिया था। उन्होंने तर्क दिया था कि अगर राजीव गांधी इस्तीफा देते हैं तो लोग समझेंगे वो अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
सियासी गलियारों में एनडी तिवारी को लेकर कई चर्चाएं थीं। एनडी तिवारी का नाम सबसे ज्यादा काम करने वाले नेताओं में शामिल था। ‘बीबीसी’ के मुताबिक, नारायण दत्त तिवारी के लिए ये मशहूर था कि वह मंत्री बनने के बाद अपने दफ्तर रोज़ाना करीब 18 घंटे काम किया करते थे। तिवारी चाहे सुबह 2 बजे या 4 बजे सोये हों, लेकिन उनकी आंख 6 बजे खुल जाया करती थी। अपने लॉन में कुछ समय टहलने के बाद वह लोगों से मिलने के लिए तैयार हो जाते थे। साथ ही वह कभी किसी को ‘नो’ नहीं कहा करते थे।
खुद चेक करते थे फाइल: वरिष्ठ पत्रकार दिलीप अवस्थी ने ‘बीबीसी’ को बताया था, ‘एनडी तिवारी की गिनती उन चुनिंदा मुख्यमंत्रियों में होती थी जो अपने दफ्तर में आने वाली हर फाइल को खुद पढ़ा करते थे। फाइल का वह एक-एक शब्द खुद देखते थे और उसे अंडलाइन भी किया करते थे। लाल निशान सेक्शन अफसर नहीं बल्कि खुद एनडी तिवारी के हुआ करते थे। कुछ भी संदेह होने पर वह अफसरों से पूछा भी करते थे। यही वजह थी कि अफसरों के बीच उनकी काफी हड़क और डर हुआ करता था। ऐसा माना जाता था कि एनडी तिवारी को बेवकूफ बनाना आसान नहीं है।’
यूपी के सीएम: आजादी के संघर्ष में भाग लेकर एनडी तिवारी ने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। वह कुछ समय तक नैनीताल की जेल में भी रहे थे। इसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी गए और 1947 में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। आगे चलकर उनकी गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होने लगी। पार्टी ने उन्हें साल 1976 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
उत्तराखंड के सीएम: नवंबर 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड बना था। एनडी तिवारी उत्तराखंड के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी 9 नवंबर 2000 को मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन वह इस पर सिर्फ 354 दिन ही रह सके। इसके बाद बीजेपी नेता भगत सिंह कोश्यारी को सीएम बनाया गया जो सिर्फ 122 दिन ही सीएम रह सके। 2 मार्च 2002 को एनडी तिवारी सूबे के सीएम बने और 7 मार्च 2007 तक 5 साल 5 दिन का अपना कार्यकाल पूरा किया।
