फोन पर बात हम सब करते हैं, लेकिन उनकी बारीकियां नहीं जानते। मसलन फोन कैसे करना है। कब काटना है। किससे किस लहजे में बात करनी है। किसी को होल्ड पर कैसे रखा जाए। वगैरह-वगैरह।
आमतौर पर हम अपने कॉलिंग के अनुभव के आधार पर फोन पर बात करते हैं। आसपास दूसरों को देखकर सीखते हैं, लेकिन इस मामले में फिर भी रोजाना कई गलतियां करते हैं। कई बार इसका खामियाजा भी हमें भुगतना पड़ता है, इसलिए आपको फोन एटिकेट्स के बारे में जरूर पता होना चाहिए।
1. जल्द से जल्द लें कॉलः फोन घनघना रहा है, लेकिन किसी कारणवश नहीं उठा सके। जैसे समय मिले, वैसे पलट के उस शख्स को कॉल कर बात करें। आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि जितना जल्दी हो सकें, उतना पहले कॉल उठाएं। चूंकि पांच-छह बार फोन न उठने पर अगला शख्स आपसे इस बात पर नाराज हो सकता है।
2. सबसे पहले दें परिचयः यह बात हर कॉल के लिए लागू नहीं होती। ऑफीशियल कॉल करते समय इसका ध्यान रखें। या जब आपको लगे कि फोन आपने फलां को मिलाया और किसी और ने उठाया, तब अपना परिचय देकर स्पष्ट करें कि आखिर आप हैं कौन और किससे बात करना चाहते हैं।
3. साफ आवाज में बात करेंः दूसरी तरफ कॉल पर कोई भी हो। आपकी आवाज हमेशा साफ आनी चाहिए। जो भी बोलें बिल्कुल स्पष्ट सुनाई पड़ना चाहिए। भले ही आप धीमी आवाज में क्यों न बोलें।
4. अदब से आएं पेशः बातचीत के दौरान फोन पर ही अपनी सभ्यता का परिचय दें। अगले से अदब से पेश आएंगे तो उस पर आपका इंप्रेशन अच्छा पड़ेगा और भविष्य में आपको उसका फायदा मिलेगा।
5. होल्ड करने से पहले पूछें-बताएंः अचानक दूसरी कॉल आ जाती है या कोई आन पड़ता है, तो कॉल होल्ड पर रखते हैं। जरूर रखें, लेकिन सामने वाले शख्स को बता कर या उससे पूछकर। बिन बताए अगर कॉल होल्ड पर रखेंगे, तो उससे भी निगेटिव इंप्रेशन पड़ेगा।
6. सही तरीके से कॉल को दें विरामः हममें से बहुत लोग बात पूरी होने से पहले ही फोन काट देते हैं। कई बार अगला कुछ कहना चाहता है, तो हम बीच में रोक-टोक कर के फोन काट देते हैं। यह सरासर गलत तरीका है। दूसरे शख्स पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
7. मीटिंग्स में साइलेंट रखें फोनः फोन एटीकेट्स के मामले में सबसे खराब तब लगता है, जब आप कॉन्फ्रेंस में बैठें हो। कार्यक्रम शुरू होने से पहले बताया जाता है कि फोन साइलेंट या स्विच ऑफ मोड में रखें। कई जगह इसकी नोटिस भी चस्पाई जाती है। फिर भी वहां किसी न किसी का फोन टुनटुना ही जाता है।
