वैज्ञानिकों का कहना है कि कैल्शियम से भरपूर भोजन करना तो सुरक्षित प्रतीत होता है लेकिन यदि कैल्शियम को सप्लीमेंट के रूप में लिया जाए तो धमनियों में परत जमने का और हृदय को नुकसान पहुंचाने का खतरा बढ़ जाता है। जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी स्कूल आॅफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने 2700 से ज्यादा लोगों पर 10 साल तक किए गए चिकित्सीय परीक्षणों का विश्लेषण किया और कहा कि इसके नतीजे सप्लीमेंट से जुड़े खतरों को लेकर वैज्ञानिक चिंताओं को बढ़ाते हैं। जॉन्स हॉप्किन्स मेडिसिन के एरिन माइकोस ने कहा, ‘‘हमारा अध्ययन इस बात के सबूतों की संख्या में वृद्धि करता है कि सप्लीमेंट के रूप में कैल्शियम की अधिक मात्रा लिए जाने से दिल और नाड़ी तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है।’’
अमेरिका की यूनिवर्सिटी आॅफ नॉर्थ कैरोलीना के पोषणविद जॉन एंडरसन ने कहा कि पुराने अध्ययन दिखाते हैं कि ‘‘कैल्शियम के सप्लीमेंट- खासतौर से बड़ी उम्र के लोगों में- हड्डियों के ढांचे तक नहीं पहुंच पाते या पेशाब में नहीं निकल पाते। इस कारण ये शरीर के नरम उच्च्तकों में जमा हो जाते हैं।’
वैज्ञानिक यह भी जानते थे कि जैसे-जैसे किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे शरीर के मुख्य रक्त वाहक और अन्य धमनियों में कैल्शियम आधारित परत जमने लगती है। इससे रक्त के प्रवाह में बाधा आती है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
यह अध्ययन जर्नल आॅफ द अमेरिकन हार्ट असोसिएशन में प्रकाशित किया गया।
