लगातार बदलते लाइफस्टाइल से का असर हमारे स्वास्थ्य पर होता है, जिससे शरीर में कई तरह की परेशानियां हो सकती है। लेकिन योग से न सिर्फ इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है बल्कि योग के नियमित अभ्यास से शरीर को बाकी रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता मिलती है। योग से शरीर मजबूत, सुड़ौल और लचीला होता है। आज हम आपको सिद्धासन योग के बारे में बता रहे हैं। इस योगासन के अभ्यास से शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है। तनाव दूर करने और पेट की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सिद्धासन बेहद लाभकारी होता है। आइए जानते हैं सिद्धासन की विधि और इसके फायदे।
ऐसे करें सिद्धासन : सिद्धासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर दंडासन में बैठ जाएं। अपने बाएं पैर की एड़ी को गुदा और जननेन्द्रिय के पास रखें। दाएं पैर की एड़ी को यौन अंग के ऊपर वाले भाग पर स्थिर करें। बाएं पैर के टखने पर दाएं पैर का टखना होना चाहिए। पैरों के पंजे, जंघा और पिण्डली के मध्य रहे। ध्यान रहे, इस स्थिति में दोनों घुटने जमीन पर टिके होने चाहिए। अब दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा की स्थिति में घुटने पर रखें और रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए।
सिद्धासन के फायदे
– इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
– स्ट्रेस फ्री लाइफ के लिए सिद्धासन बेहद कारगर होता है। इससे कॉन्संट्रेशन अच्छा होता है।
– तेज दिमाग के लिए सिद्धासन का नियमित अभ्यास करना चाहिए।
– पेट की समस्याओं के लिए सिद्धासन काफी फायदेमंद होता है।
– सिद्धासन के नियमित अभ्यास से पाचन शक्ति दुरुस्त रहती है।
– इस आसन के अभ्यास श्वास के रोग, ह्रदय रोग, अजीर्ण और दमा की शिकायत में लाभ होता है।
नोट : जो लोगों को घुटनों में दर्द या कमर दर्द की शिकायत हो, उन्हें इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
