दुनिया में पुरुषों की प्रजनन क्षमता हर साल कम हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी वजह केमिकल्स और आधुनिक जीवनशैली है। यूरोप और अमेरिका के फर्टिलिटी क्लिनिकों में आने वाले 124,000 लोगों के स्पर्म की जांच के बाद एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि स्पर्म की गुणवत्ता में हर साल 2 प्रतिशत की गिरावट आ रही है। 2,600 स्पर्म डोनरों पर किये गए एक अन्य रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है। जिसके बाद एक्सपर्ट्स ने इस बात की भी आशंका जताई है कि धरती से इंसान खत्म भी हो सकते हैं।
इस वजह से घटी है स्पर्म क्वालिटी:
कैमिकल्स, तनाव, धूम्रपान और मोटापा इसके प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन और कॉफिन और प्रोसेस्ड मीट का सेवन भी इसकी वजह हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि Testicular Cancer भी इसकी अहम वजह है। साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे लड़के पैदा हो रहे हैं जिनका एक या दोनों टेस्टिकल मिसिंग होता है और उनके टेस्टोस्टेरॉन लेवल में भी लगातार बदलाव हो रहे हैं।
अमेरिका के न्यू जर्सी और स्पेन के वैलेन्सिया के वैज्ञानिकों ने पहली बार बड़े पैमाने पर शोध किया है। इस दौरान स्विमिंग स्पर्म यानी कुल गतिशील स्पर्म की संख्या पर स्टडी की गई। इस स्टडी में शामिल पुरुषों को 3 अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया था। लो स्पर्म काउंट, मिडियम स्पर्म काउंट और हाई स्पर्म काउंट। हाई स्पर्म काउंट वाले ग्रुप में शामिल पुरुषों के गतिशील स्पर्म की संख्या में हर साल 1.8 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है। इस स्टडी की को-ऑथर डॉ जेम्स होटैलिंग कहती हैं ‘इस बात की पूरी संभावना की आने वाले समय में और ज्यादा पुरुष, बच्चे पैदा करने में असमर्थ हो जाएंगे और यह एक चिंता की बात है।’