चैत्र नवरात्र के नौवें दिन आने वाले त्योहार को रामनवमी के नाम से जाना जाता है। जिसे हिंदू लोग बड़े ही धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन को विष्णु के सातवें अवतार भगवान श्रीराम के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। इस साल रामनवमी 4 अप्रैल को पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि रामनवमी के दिन अयोध्या में राम का जन्म महाराजा दशरथ और महारानी कौशल्या के घर हुआ था। इसी वजह से बहुत से लोग राम जन्म भूमि अयोध्या जाते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में सरयू नदी में स्नान करने के बाद भगवान राम के मंदिर जाकर भक्तिभाव से पूजा-पाठ करते हैं। इस दिन जगह-जगह रामायण का पाठ करवाया जाता है। कई स्थानों में राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की झाकियां या पालकी निकाली जाती है। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। अयोध्या में इस दिन भगवान राम के पराक्रम और गौरव की कथाएं सुनाई जाती हैं। जो लोग इस पावन दिन व्रत रखते हैं उन्हें सही तरीके से पूजा विधी और उससे संबंधित कार्य करने होते हैं।
इस साल रामनवी 4 अप्रैल को मनाई जा रही है लेकिन बहुत सी जगहों पर यह 5 अप्रैल को भी मनाई जाएगी। भगवान राम का जन्म मध्यान्ह काल में व्याप्त नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में हुआ था। महाभारत वनपर्व के अनुसार पुनर्वसु नक्षत्र में राम का जन्म होना लिखा है। इस साल चैत्र नवरात्रि की तिथि मंगलवार सुबह 4 अप्रैल 11:20 से शुरु होकर बुधवार 5 अप्रैल को सुबह 10:03 मिनट पर खत्म होगी। वहीं वैष्णव राम नवमी 5 अप्रैल को पड़ रही है।
राम नवमी का शुभ मुहूर्त का समय सुबह 11:27 से लेकर 13:54 तक का है। इसका मतलब यह हुआ कि केवल 2 घंटे 27 मिनट के अंदर आपको राम नवमी की पूजा विधि संपन्न करनी होगी। रामनवमी हिंदुओं में बड़े पैमाने पर मनाया जाने वाला त्योहार हैं और भगवान विष्णु के रूपों में से राम की पूजा बहुत से लोग करते हैं। हर घर में रामायण ग्रंथ के बारे में लोग जानते हैं। कई घरों में नियमित तौर पर रामायण का पाठ भी किया जाता है।
रामनवमी के दिन जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें आठों प्रहर फलाहार पर रहना होता है। मतलब कि मंगलवार के सूर्योदय से लेकर बुधवार के सूर्योदय तक उनका व्रत रहेगा। सुबह भगवान सूर्य के बाद इस व्रत की शुरुआत होती है। इस दिन भक्तों को ऊँ श्री रामाय: नम: या ऊँ श्री राम जय श्री राम जय जय राम मंत्र का उच्चारण करना होता है। इस व्रत से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होता हैं और उसे स्वस्थ जीवन, सम्पन्नता, खुशहाली और मन की शांति मिलती है।