मदर्स डे को लेकर बच्चों की एक्साइटिमेंट काफी ज्यादा होती हैं। मां और बच्चे का रिश्ता बेहद ही खास होता है। मदर्स डे पर कोई अपनी मां के साथ अपने रिश्ते को कविता में बयां करता है तो कोई उपहार देकर अपना मां के प्रति अपने प्यार को जताता है। मदर्स डे आज काफी प्रसिद्ध हो चुका हैं भारत के अलावा यह दिन युके, यूएस, डेनमार्क, फिनलैंड, इटली और टर्की जैसे देशों में अलग-अलग दिन और तारीख पर सेलिब्रेट जाता है। भारत में मदर्स डे इस बार 14 मई को मनाया जाएगा। इस दिन का मनाने का खास मकसद यह है कि समाज में मां के प्रभाव को बढ़ावा मिले। मां की ममता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इसलिए मदर्स डे को मां के सम्मान और आदर देने के रूप में मनाया जाता है।
मदर्स डे से जुड़ा इतिहास
मदर्स डे से जुड़ी कुछ बातें बेहद दिलचस्प हैं। पुराने समय में ग्रीस में मां को सम्मान देने के लिए पूजा का रिवाज था। कहा जाता है कि स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता था। यह दिन त्योहार के रूप में मनाया जाता था।
क्रिश्चियन इस दिन को वर्जिन मैरी के सम्मान के रूप में मनाते हैं। इसके अलावा इंग्लैंंड में मदर्स डे सेलिब्रेट में करने के पीछे एक और इतिहास जुड़ा हुआ है। सन 1600 में इंग्लैंड में क्रिश्चियन लोग वर्जिन मैरी की पूजा करते थे इसके अलावा फूल और उपहार देकर उन्हें ट्रिब्यूट देते थे। यूएस में यह दिन एक आॅफिशयल इवेंट के रूप मनाने का फैसला किया गया। जूलिया वार्ड हाउ ने सुझाव दिया की इस दिन को शांति देने वाले दिन के रूप में 2 जून को मनाया जाए।
वर्जिनिया में मदर्स डे की शुरुआत एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं के सम्मान के लिए खासतौर पर की गई थी। वह शादीशुदा नहीं थी और न ही उनका कोई बच्चा था। वह अपनी मां एना मैरी रविस जार्विस से प्रेरित थी। अपनी माता की मृत्यु के बाद मां को प्यार और सम्मान जताने के लिए उन्होंने के इस दिन को मनाने की शुरूआत की। अब यह दिन दुनिया के कोने-कोने में अलग-अलग दिन मनाया जाता है।