मदर्स डे हर साल मां के सम्मान में मनाया जाता है। मदर्स डे मनाने का चलन नार्थ अमेरिका से शुरू हुआ। इस दिन बच्चों द्वारा अपनी मां को सम्मान दिया जाता है। यह दिन समाज में मां के प्रभाव को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। मदर्स डे हर साल हर अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। भारत में मदर्स डे मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। भारत में मदर्स डे इस बार 14 मई को मनाया जाएगा। मदर्स डे सबसे पहले ग्रीक और रोम में मनाया गया था। इसके बाद यूके में मदर्स डे रविवार के दिन मनाया गया।

आज हर जगह मदर्स डे मॉर्डन तरीके से मनाया जाने लगा है। बता दें ​कि मदर्स ​46 देशों में मनाया जाता है। इस दिन के लिए हमें इतिहास का शुक्रगुजार होना चाहिए की एक दिन मां और उसके मातृत्व के सम्मान में मनाने का मौका मिला। मदर्स डे से जुड़ी कुछ बातें बेहद दिलचस्प हैं। पुराने समय में ग्रीस में मां को सम्मान देने के लिए पूजा का रिवाज था। कहा जाता है कि स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता था। यह दिन त्योहार के रूप में मनाया जाता था।

क्रिश्चियन इस दिन को ​वर्जिन मैरी के सम्मान के रूप में मनाते हैं। इसके अलावा इंग्लैंंड में मदर्स डे सेलिब्रेट में करने के पीछे एक और इतिहास जुड़ा हुआ है। सन 1600 में इंग्लैंड में क्रिश्चियन लोग वर्जिन मैरी की पूजा करते थे इसके अलावा फूल और उपहार देकर उन्हें ट्रिब्यूट देते थे। यूएस में यह दिन एक आॅफिशयल इवेंट के रूप मनाने का फैसला किया गया। जूलिया वार्ड हाउ ने सुझाव दिया की इस दिन को शांति देने वाले दिन के रूप में 2 जून को मनाया जाए।

वर्जिनिया में मदर्स डे की शुरुआत एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं के सम्मान के लिए खासतौर पर की गई थी। वह शादीशुदा नहीं थी और न ही उनका कोई बच्चा था। वह अपनी मां एना मैरी रविस जार्विस से प्रेरित थी। अपनी माता ​की मृत्यु के बाद मां को प्यार और सम्मान जताने के लिए उन्होंने के इस दिन को मनाने की शुरूआत की। अब यह दिन दुनिया के कोने-कोने में अलग-अलग दिन मनाया जाता है।