मकर संक्रांति के पर्व को हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है। यह त्योहार इसलिए भी अहम होता है क्योंकि यह साल का पहला-पहला त्योहार होता है। इस दिन पूजा-पाठ और दान का खास महत्व होता है। भविष्यपुराण की मानें तो सूर्य के उत्तरायण या दक्षिणायन के दिन संक्रांति व्रत जरूर करना चाहिए। इसका बहुत ही लाभ होता है। इस व्रत में संक्रांति के पहले दिन एक बार भोजन करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन तेल और तिल मिले पानी से नहाना काफी शुभ माना जाता है। इसके बाद सूर्य देव की स्तुति करनी चाहिए। माना जाता है कि इस दिन तीर्थ या गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसे करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा संक्रांति के मौके पर पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण जरूर देना चाहिए।
संक्रांति के दिन पुण्य काल में दान देना, स्नान करना या श्राद्ध कार्य करना अच्छा माना जाता है। इस साल यह शुभ मुहूर्त 14 जनवरी, 2017 को सुबह 7 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर शाम 05 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति पर पूजा करने के लिए भी एक विशेष मंत्र होता है।
ऊं सूर्याय नम:
ऊं आदित्याय नम:
ऊं सप्तार्चिषे नम:
अन्य मंत्र हैं- ऋड्मण्डलाय नम: , ऊं सवित्रे नम: , ऊं वरुणाय नम: , ऊं सप्तसप्त्ये नम: , ऊं मार्तण्डाय नम: , ऊं विष्णवे नम:
आप यह मंत्र पढ़कर सूर्य देव की उपासना कर सकते हैं। देश की कई जगहों में इस दिन खिचड़ी बनाई जाती है। बिहार में इस दिन दही चूड़ा खाया जाता है। वहीं उत्तराखंड में उड़द की दाल और चावल की खिचड़ी बनाई जाती है। दक्षिण भारत में इस त्योहार को पोंगल नाम से जाना जाता है।
