अगर आप किसी त्योहार का उत्साह देखना चाहते हैं तो भारत के अलावा कहीं और देखने को नहीं मिल सकता। नया साल है और साल के इस पहले महीने में मकर संक्रांति का त्योहार मनाए जाने को लेकर लोगों में अलग ही उत्साह में दिखाई देते हैं। मकर संक्रांति हर साल जनवरी महीने में मनाई जाती और यह त्यौहार भारत के हर राज्य में मनाया जाता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण में होता है इस दिन उतरी गोलाद्र्ध सूर्य की तरफ मुड़ जाता है। इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और गुड़, रेवड़ी का प्रसाद बांटा जाता है। इस त्योहार को ऋतु परिवर्तन और खेती से जोड़कर देखा जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है।
मकर संक्रांति के त्योहार को कई जगहों पर बेहद ही उल्लास के साथ मनाया जाता है और इस त्योहार को मनाने के कई रीति-रिवाज हैं। हर त्योहार को सिर्फ खुशी या फिर रीति-रिवाज के तौर पर ही मनाने का मकसद नहीं होता है बल्कि कुछ त्योहारों को मनाने के पीछे अच्छे स्वास्थ्य लाभ से भी जुड़ा होता है। मकर संक्रांति उन्हीं त्योहारों में से एक है। जोकि भारत के हर हिस्से में अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है।
भले ही मकर संक्रांति को मनाने का सबका अपना तरीका हो लेकिन मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने का रिवाज तो हर कोई जानता ही है। गुजरात में तो मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर यह त्योहार मनाने का चलन काफी प्रचलित है। पतंग उड़ाने का रिवाज मकर संक्रांति के साथ जुड़ा हुआ है। मकर संक्रांति के दिन अक्सर अपने घरों की छतों से पतंग उड़ाकर इस त्योहार का जश्न मनाते हैं। कई जगहों पर तो पतंग उड़ाने की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं।
इस अवसर पर लोग भले ही पतंग उड़ाने का आनंद लेते हैं लेकिन वह इस बात से अनजान होते है कि इस दिन सूर्य से मिलने वाली धूप का उनके शरीर को फायदा मिलता है। कहा जाता है कि सर्दियों में हमारा शरीर खांसी, जुकाम और अन्य कई संक्रमण से प्रभावित होता है मकर संक्रांति के दिन सूर्य उतारायण में होता है। सूर्य के उतरायण में जाने के समय उससे निकलने वाली सूर्य की किरणें मानव शरीर के लिए औषधि का काम करती हैं। इसलिए पतंग उड़ाने के शरीर को लगातार शरीर को सूर्य से सेंक मिलता है और उससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।
