Mahavir Jayanti 2019 Date in India: जैन समूदाय के लोग महावीर जयंती को पर्व के रूप में मनाते हैं। यह त्योहार जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थांकर ‘तीर्थंकर’ (आध्यात्मिक शिक्षक) वर्धमान महावीर के जन्म के रूप में दुनियाभर में जैनियों द्वारा मनाया जाता है। महावीर जयंती आमतौर पर मार्च या अप्रैल में होती है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह चैत्र के 13वें दिन होती है। इसके हिसाब से इस साल 17 अप्रैल 2019, बुधवार को महावीर जयंती पड़ रही है। इसे ‘महावीर जन्म कल्याणक’ के रूप में भी याद किया जाता है। जिन्होंने इस धर्म के प्रमुख सिद्धांतों का प्रतिपादन करने के साथ ही उन्हें व्यवस्थित रूप दिया।
जैन धर्म के संस्थापक महावीर ने तत्कालीन ब्राह्मण धर्म से अलग मानव मात्र की एकता और समता के विचारों का प्रतिपादन किया जो उस समय बहुत ही क्रान्तिकारी विचार था। भारतीय और पश्चिमी दार्शनिकों ने महावीर के दर्शन को भौतिकवादी दर्शन माना है। महावीर के दर्शन के पांच प्रमुख सिद्धान्त हैं – अहिंसा, सत्य, असत्येय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह। इनमें अहिंसा का स्थान सर्वोपरि है। हालांकि आगे चलकर जैन धर्म में दो संप्रदाय दिगंबर और श्वेतांबरसामने आए, लेकिन जहां तक महावीर की मूल शिक्षाओं का सवाल है, दोनों समान रूप से उन्हें मानते हैं।
इतिहासकारों के मुताबिक, महावीर का जन्म बिहार के वैशाली में एक राजसी परिवार में 599 ई.पू. में हुआ था। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ और मां का नाम त्रिशला था। इनके जन्म के साथ ही इनके राजसी परिवार इक्ष्वाकु वंश में काफी समृद्धि आई और माता त्रिशला को शुभ सपने आते थे, जो एक महान आत्मा के आने का संकेत देते थे। शायद इसी वजह से इन्हें वर्धमान कहा जाने लगा। हालांकि इनकी जन्मतिथि को लेकर काफी समय से बहसें होती आ रही हैं, दिगंबर जैन मानते हैं कि उनका जन्म 615 ईसा पूर्व में हुआ था, जबकि श्वेतांबर जैन मानते हैं कि भगवान का जन्म 599 ईसा पूर्व में हुआ था। कहा जाता है कि इन्होंने ज्ञान प्राप्ति के बाद 30 वर्षों तक पूरे देश में घूम कर लोगों को अपने उपदेश दिए। 72 वर्ष की उम्र में इन्हें निर्वाण प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि मृत्यु यानी निर्वाण प्राप्त करने के बाद इनके पार्थिव शरीर का क्रियाकर्म बिहार के नालंदा जिले के पावापुरी में किया गया था, जहां विशाल जैन मंदिर है जो जलमंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। देश भर से जैन धर्मावलंबी वहां तीर्थयात्रा करने आते हैं।

