‘डेटिंग’ ये शब्द अपने आप में ही बहुत कुछ समेटे हुए है। किसी नए शख्स से मिलना और फिर उसके साथ सबसे ज्यादा समय बिताने लगना। भागदौड़ भरी जिंदगी से कॉफी/लंच/डिनर डेट के लिए कुछ पल चुरा लेना और किसी की एक नजर भर से उन बटरफ्लाई फीलिंग्स को महसूस करना। हम सभी ने अपने जीवन में कम से कम एक बार इस एहसास को जरूर महसूस किया है। हालांकि, अब समय बदल रहा है। किसी को डेट करना या किसी के साथ वक्त बिताना अब उतना सीधा नहीं रह गया है। ऑनलाइन डेटिंग (Online Dating) से लेकर ब्लाइंड डेट्स (Blind Dates) पर जाने तक, आज रिश्ते काफी अलग हैं। इन सब से अलग पहले जहां लोग केवल डेटिंग और उसके साथ आने वाली इन फीलिंग्स की बातें किया करते थे, तो अब ब्रेकअप के किस्से भी आम हो गए हैं। इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक शब्द इन दिनों खूब ट्रेंड कर रहा है। ये शब्द है, ‘डेलिकेट डंपिंग’ (Delicate Dumping), लेकिन ये डेलिकेट डंपिंग है क्या? आइए जानते हैं इसके बारे में।

आपको ‘डंपिंग’ के बारे में थोड़ा बहुत अंदाजा होगा। किसी रिलेशन में जब एक शख्स अपने पार्टनर को छोड़ देता है या उससे ब्रेकअप कर लेता है तो इसे डंपिंग कह दिया जाता है। हालांकि, इसके लिए पार्टनर्स एक-दूसरे का सामना करते हैं, कई बार आपसी सहमती से तो कई बार लड़- झगड़कर, एक-दूसरे की कमियां गिनाकर अपनी राहों को हमेशा-हमेशा के लिए जुदा करते हैं। यकीनन इन तरीकों से आप वाकिफ होंगे, लेकिन डेलिकेट डंपिंग अलग है।

क्या है ‘डेलिकेट डंपिंग’?

डेलिकेट डंपिंग एक ऐसी कंडीशन है जिसमें कोई शख्स धीरे-धीरे अपने रिश्ते के लिए प्रयास करना बंद कर देता है ताकि दूसरे व्यक्ति को यह एहसास हो सके कि अब उसमें उसकी दिलचस्पी नहीं है। भले ही यह सुनने में असंवेदनशील लगे, लेकिन अब रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स लोगों को ऐसी चीजों के खिलाफ आगाह कर रहे हैं।

इस चलन के बारे में बात करते हुए, एक डेटिंग विशेषज्ञ एम्मा हैथोर्न ने Metro.co.uk को बताया, ‘जब कोई शख्स बहस, लड़ाई, पास्ट की बातों को याद करने से बचना चाहता है या अपने पार्टनर द्वारा किए गए सवालों से छिपना चाहता है तब वो डेलिकेट डंपिंग का सहारा लेता है। आसान भाषा में कहें तो ये खुद को दोषी साबित होने से बचाकर किसी के साथ संबंध तोड़ने का आसली तरीका है।’

डेलिकेट डंपिंग वो है जब एक व्यक्ति अपने साथी के साथ प्यार से बाहर हो जाता है, लेकिन अपनी सच्ची भावनाओं को तुरंत व्यक्त नहीं करता है। इसकी बजाय, वो इस रिश्ते से बाहर निकलने की कोशिश में इसपर काम करना बंद कर देता है। वो अपने रिश्ते में किसी भी तरह का कोई भी एफर्ट डालना बंद कर देता है। ऐसे में सामने वाला शख्स खुद ही रिश्ता खत्म करने के लिए मजबूर हो जाता है।

मामले को लेकर इंडियन एक्सप्रेस ने कोलकाता की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट शिंजिन देब से बात की। उनका कहना है कि डेलिकेट डंपिंग का प्रभाव एक सिक्के के दो पहलुओं की तरह है। ‘एक तरफ जिस साथी ने रिश्ते में एफर्ट डालना बंद कर दिया है, वो अंततः दूसरे के प्रति चिड़चिड़ा होने लगता है और अक्सर खुद को भावनात्मक रूप से दूर करने लगता है। दूसरी ओर उसे उम्मीद भी रहती है कि शायद उसके ऐसा करने से सामने वाला शख्स खुद ही उसे छोड़ दे और उसका काम आसान हो सके।

FAQ

ब्रेकअप होने पर क्यों होता है दर्द?

जानकारी के मुताबिक, किसी व्यक्ति को प्यार का अहसास होने पर उसके शरीर में हार्मोन्स का प्रवाह होता है। ‘कडल’ हार्मोन ऑक्सीटोसिन और ‘फील-गुड’ हार्मोन डोपामाइन की वजह से व्यक्ति प्यार में खुशी महसूस करता है, लेकिन जैसे ही किसी का ब्रेकअप होता है, तो ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन का स्तर गिर जाता है और तनाव के लिए जिम्मेदार हार्मोन में से एक कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि होने लगती है। इसी के चलते शख्स को दुख और दर्द का अहसास होता है।