किसी के बालों या दांतो से बनी ज्वैलरी को पहनना नया ट्रेंड नहीं है। यह बीते जमाने से लोगों में काफी मशहूर रहा है। दातों पर सोना लगाना, सोना भरना जैसे ट्रेंड तो आपने देखे ही होंगे। ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के पास दातों की सभी एसेसरिज का पूरा कलेक्शन मौजूद था। उनके पास अपनी बड़ी बेटी के दूध के दातों से बना विशिष्ट ब्रोच भी था। विक्टोरिया को राजकुमारी विक्की के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन कई देशों में दातों से बनी ज्वैलरी पर बैन है। इसकी वजह जानवरों को मारकर उनके दातों से इन्हें बनाया जाना है। लेकिन इंसानों के दांतो से बनी ज्वैलरी में ना किसी तरह की क्रूरता होती है और ना ही ये बैन की जाती है। बल्कि इससे कई यादें जुड़ी होती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए लुक्सेमबोर्गियन (Luxembourgian) की डिजायनर लूसी मजेरस ने इंसानों के दातों से बनी ज्वैलरी को बनाया है। इसमें उन्होंने टूटे हुए दांतों की मदद से पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ज्वैलरी का निर्माण किया है। डिजायन एकेडमी इंडहोवन के बच्चों ने इस प्रोजेक्ट को डच डिजायन वीक 2016 में दिखाया है।

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मजेरस ने अपनी बेवसाइट पर बताया कि इंसानों के दांतो से बनी यह ज्वैलरी समानतावादी ज्वैलरी को दिखाती है। इसमें आपके अपने जेम को आप पहन सकते हैं। इसे पोलिश करके मोती की शेप दी जाती है। अब आप अपने दातों के मोती को पहनने के लिए तैयार हो जाइए। मजेरस उन्हें ब्लीज करने के बाद पोलिश करके स्मूथ बनाती है और फिर उन्हें मोती की शेप दे देती हैं। ये आइडिया उन्हें तब आया जब उनकी अक्ल दाढ़ का दांत टूटा। मैग्जीन से बात करते हुए डिजायनर ने कहा कि किसी और जानवर के दांतों की बजाए हम खुद अपने दातों को क्यों नहीं पहन सकते?

अपने एक्सपेरिमेंट के लिए डिजायनर ने डेंटिस्ट से कहा कि वो उन्हें मरीजों के द्वारा छोड़े गए टूटे हुए दांत दे दें और कुछ उन्होंने अपने इंस्टीट्यूट की टीचर से लिए। इससे उन्होंने कफलिंक, टाई पिन, ईयर रिंग्स, अंगूठी आदि बनाईं। मजेरस ने कहा कि इसे परफेक्ट शेप देने के लिए कम से कम मेटल का इस्तेमाल किया जाता है। इनके जरिए आप खुद की चीजों का आनंद उठा सकते हैं।