Hindi Diwas 2019: भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 के दिन हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा घोषित किया था। उस वक्त काका केलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविंद दास समेत कई ऐसे लोग थे, जो हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के पक्ष में थे। उनका प्रयास 14 सितंबर 1949 को सफल हुआ, जिस दिन बेहर राजेंद्र सिम्हा का 50वां जन्मदिन भी था।
इन देशों में भी बोली जाती है हिंदी: बता दें कि देश के एक बड़े हिस्से में हिंदी भाषा अलग-अलग रूप में बोली जाती है। हकीकत में मॉरिशस, फिजी और नेपाल जैसे देशों में भी हिंदी भाषा काफी प्रचलित है। आंकड़ों के मुताबिक, करीब 25 करोड़ लोग हिंदी को मूल भाषा के रूप में बोलते हैं और यह दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भी है।
सबसे आसान भाषा है हिंदी: बता दें कि दुनिया की सबसे प्रचलित भाषा अंग्रेजी में शब्द लिखे किसी और तरह जाते हैं और उन्हें बोलने का तरीका अलग होता है। वहीं, हिंदी भाषा में शब्दों को जिस तरह बोला जाता है, उसी तरह लिखा भी जाता है।
अंग्रेजी पर भी है हिंदी का प्रभाव: गौरतलब है कि अंग्रेजी के काफी शब्दों पर हिंदी का खासा प्रभाव है। क्या आप जानते हैं कि गुरु, कर्मा, चीता, बंगला और अवतार आदि शब्द हिंदी के ही हैं। इसके अलावा व्यायाम के लिए इस्तेमाल होने वाला योग शब्द हिंदी से अंग्रेजी में एक्सपोर्ट होने का सबसे बड़ा उदाहरण है।
जैसे बोलो, वैसा लिखना आसान: जानकारी के मुताबिक, दुनिया में ऐसा कोई शब्द नहीं है, जिसे हिंदी में न लिखा जा सके। इस भाषा की सबसे खास बात यही है।
1805 में प्रकाशित हुई थी पहली हिंदी किताब: बता दें कि 1805 में मॉडर्न हिंदी भाषा की पहली किताब प्रकाशित हुई थी। इस किताब का नाम प्रेम सागर था, जिसे लल्लू लाल ने लिखा था।
1913 में आई पहली हिंदी फिल्म: राजा हरिश्चंद्र को पहली हिंदी फिल्म माना जाता है, जिसे दादासाहेब फाल्के ने बनाया था और यह 1913 में रिलीज हुई थी।
