Happy Indian Army Day 2020 Whatsapp Wishes Images, Status, Quotes, Messages, Photos, Pics, Wallpapers: 15 जनवरी को आर्मी डे पर दिल्ली के परेड ग्राउंड पर आर्मी डे परेड का आयोजन होता है। 1949 से, हमारी सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना बन गई है। यह वास्तव में गर्व की बात है कि भारतीय सेना एक स्वैच्छिक सेवा बनी हुई है, जिसे हमारे पुरुष और महिलाएं राष्ट्र की सेवा करने के लिए “चुनते हैं”, और यद्यपि सैन्य सहमति के लिए एक प्रावधान मौजूद है, इसे कभी भी लागू नहीं किया गया है। हर साल 15 जनवरी को इंडियन आर्मी डे सेलिब्रेट किया जाता है। लगभग 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन की गुलामी के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली। भारतीय स्वतंत्रता के समय देश सांप्रदायिक दंगों का सामना कर रहा था और शरणार्थी पाकिस्तान से आ रहे थे और कुछ लोग पाकिस्तान की ओर पलायन कर रहे थे। इस प्रकार के अराजक माहौल के कारण कई प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न होने लगीं तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा ताकि विभाजन के दौरान शांति सुनिश्चित की जा सके। इंडियन आर्मी के जवानों को सम्मान देने के लिए भी इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसे ही खास मौके पर आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से ये मैसेज शेयर करें और इस दिन के महत्व को भी बताएं।
Happy Indian Army Day 2020 Wishes Images, Quotes, Status, SMS, Messages, Photos, Pics:
1. अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं,
सिर कटा सकते हैं लेकिन सिर झुका सकते नहीं।
हैप्पी आर्मी डे
2. अपना घर छोड़ कर,
शरहद को अपना ठिकाना बना लिया,
जान हथेली पर रखकर,
देश की हिफाजत को अपना धर्म बना लिया।।
हैप्पी आर्मी डे
3. वतन के वास्ते है जीना,
वतन के वास्ते है मरना,
वतन पे जां फिदा करना,
प्रभु हमको सिखा देना।
जय हिंद
हैप्पी आर्मी डे
4. जिनमें अकेले चलने के हौसले होते हैं,
एक दिन उन्हीं के पीछे काफिले होते हैं।
सेना है तो हम हैं।
हैप्पी आर्मी डे
5. फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ कर की नहीं जाती।
वंदे मातरम् !!
हैप्पी आर्मी डे
6. जिंदगी जब तुझको समझा,
मौत फिर क्या चीज है,
ऐ वतन तू हीं बता,
तुझसे बड़ी क्या चीज है।
हैप्पी आर्मी डे
- 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे फील्ड मार्शल करिअप्पा ने महज 20 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी।
- करिअप्पा ने वर्ष 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था।
- भारत-पाक आजादी के वक्त उन्हें दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
- वर्ष 1953 में करिअप्पा सेना से रिटायर हो गए थे।
फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे। उन्होंने 1947 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को सर फ्रांसिस बुचर से प्रभार लिया था। वे 1986 में फील्ड मार्शल का खिताब प्राप्त करने वाले दूसरे अफसर थे। पहले फील्ड मार्शल जनरल एसएफजे मानेकशॉ थे, जिन्हें 1973 में यह खिताब मिला था।
15 जनवरी को आर्मी डे पर दिल्ली के परेड ग्राउंड पर आर्मी डे परेड का आयोजन होता है। आर्मी डे के तमाम कार्यक्रमों में से यह सबसे बड़ा आयोजन होता है। जनरल ऑफिसर कमांडिंग, हेडक्वार्टर दिल्ली की अगुवाई में परेड निकाली जाती है। आर्मी चीफ सलामी लेते हुए परेड का निरीक्षण करते हैं। ये परेड भी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा होती है। इस वर्ष तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी परेड में शामिल होंगे।
- भारतीय सेना का गठन
- सबसे ऊंची रणभूमि
- असम राइफल्स
- बड़ी संख्या में युद्ध बंदी बनाया
- दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बनाया
- तजाकिस्तान में आउट स्टेशन बेस
भारतीय सेना के जवानों (भारतीय सेना बैंड्स) द्वारा सेना दिवस उत्सव के दौरान सेना दिवस परेड प्रस्तुत किया जाता है जिसके तहत बीएलटी टी-72, टी-90 टैंक, ब्रह्मोज मिसाइल, कैरियर मोटार्र ट्रैक्ड वैहिकिल, 155 एमएम सोलटम गन, सेना विमानन दल का उन्नत प्रकाश हेलिकॉप्टर इत्यादि का प्रदर्शन किया जाता है। भारतीय सेना में सैनिक अपनी सेवा को कायम रखने और राष्ट्र को सुरक्षित रखने के लिये कसम खाते हैं तथा किसी भी दुश्मन का डट कर सामना करते हैं फिर चाहे वो घरेलू या बाहरी कोई भी दुश्मन हो।
भारतीय सेना का निर्माण 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। चीन और अमेरिका के बाद भारतीय थल सेना ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी है। 2013 में उत्तराखंड के बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए चलाया जाने वाला इंडियन आर्मी का 'ऑपरेशन राहत' दुनिया के सबसे बड़े सिविलियन रेस्क्यू ऑपरेशन में से एक है।
15 जनवरी के ही दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने पहली बार आजाद भारत के आर्मी चीफ के तौर पर पद भार संभाला था। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर बनने की खुशी में ही हर साल यह दिन मनाया जाता है। थल सेना दिवस पर पूरा देश भारतीय जवानों के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है।