Happy Guru Ravidas Jayanti 2019 Wishes Images, SMS, Wallpaper, Quotes, Messages, Status: आज पूरा देश संत रविदास का 642वां जन्मदिवस मना रहा है। संत रविदास का जन्म यूपी के वाराणसी में हुआ था। आपको बता दें कि हर साल संत रविदास जयंती हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ की पूर्णिमा को मनाई जाती है। संत रविदास की गिनती महान संतों में होती है। संत रविदास आजीविका के लिए अपने पिता के बिजनेस में आ गए। पिता राघवदास का जूते बनाने का काम था। रविदास ने इसे खुशी-खुशी अपनाया और पूरी मेहनत के साथ बिजनेस को आगे भी बढ़ाया। रविदास की परोपकारिता और दयालुता के कारण उनके माता-पिता बिल्कुल खुश नहीं थे।
उनकी दयालुता की वजह से घर पैसों की बहुत तंगी होने लगी, फिर एक दिन पिता राघवदास ने परेशान होकर रविदास और उनकी पत्नी को घर से बाहर निकाल दिया। संत रविदास ने समाज की कुरीतियों के खिलाफ भी बहुत आवाज उठाई। वो जाति के भेदभाव के बिल्कुल खिलाफ थे। उन्होंने समाज को अपने उपदेश से हमेशा कल्याणकारी मार्ग दिखाया। आप अगर किसी को रविदास जयंती की बधाई देना चाहते हैं तो आप उनके कोट्स के माध्यम से दे सकते हैं।
Highlights
करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस, कर्म मानुष का धर्म है, संत भाखै रविदास।
इसका मतलब है कि हमें हमेशा कर्म में लगे रहना चाहिए और कभी भी कर्म के बदले मिलने वाले फल की आशा नही छोड़नी चाहिए क्योंकि कर्म करना हमारा धर्म है तो फल पाना हमारा सौभाग्य है।
हरि-सा हीरा छांड कै, करै आन की आस, ते नर जमपुर जाहिंगे, सत भाषै रविदास।
इसका मतलब है कि हीरे से बहुमूल्य हरि यानि ईश्वर को छोड़कर लोग अन्य चीजों की आशा करते हैं। ऐसे लोगों को नर्क जाना पड़ता है। यानी प्रभु की भक्ति को छोडकर कहीं और भटकना व्यर्थ है।
संत रविदास जात-पात के विरोधी थे। ऐसे उनकी इस दोहा से झलकता है- जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात, रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।