Happy Birthday Maulana Aabul Kalam Azad quotes, essay, speeches, ghazal and Wishes, Images in Hindi: आज स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिन है। सन 1888 में जन्मे अबुल कलाम आजाद के नाम पर ही राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day 2019) मनाया जाता है। सन 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने निर्णय लिया था कि हर साल 11 नवंबर को देश राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाएगा। वह देश के पहले शिक्षा मंत्री थे। उन्हें स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और लेखक के रूप में भी जाना जाता है।
अबुल कलाम आजाद ने कई बेहतरीन गज़लें, कविताएं और लेख लिखे हैं। आइए उनके जन्मदिन पर दोस्तों और चाहने वालों से शेयर करें कुछ बेहतरीन नज़्में…
इन शोख़ हसीनों की अदा और ही कुछ है
और इन की अदाओं में मज़ा और ही कुछ है
ये दिल है मगर दिल में बसा और ही कुछ है
दिल आईना है जल्वा-नुमा और ही कुछ है
इंतिज़ार उस गुल का इस दर्जा क्या गुलज़ार में
नूर आख़िर दीदा-ए-नर्गिस का ज़ाइल हो गया
उस ने तलवारें लगाईं ऐसे कुछ अंदाज़ से
दिल का हर अरमाँ फ़िदा-ए-दस्त-ए-क़ातिल हो गया
Highlights
महिलाओं की शिक्षा पर भी देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम ने काफी गंभीर बात कही थी। उन्होंने कहा था—
"राष्ट्रीय शिक्षा का कोई भी कार्यक्रम उपयुक्त नहीं हो सकता यदि वह समाज के आधे और महत्वपूर्ण हिस्से की शिक्षा पर ध्यान न दे पाए। वह है देश की महिलाओं की शिक्षा।"
देश में शिक्षा की महत्ता और हिंदी भाषा या मातृभाषा की जरूरत पर मौलाना अबुल कलाम ने हमेशा जोर दिया था। वह कहते थे—
"अपनी शिक्षा के प्रारंभिक चरण में, एक बच्चे को उसकी अपनी मातृभाषा के माध्यम से निर्देश दिया जाना चाहिए। इसे सरकार ने अपनी नीति के रूप में स्वीकार किया है।"
देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम जिनकी याद में देश आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मना रहा है, वह कहते थे कि—
"हमें एक पल के लिए भी नहीं भूलना चाहिए कि हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है बुनियादी शिक्षा पाना, बिना इसके वह कभी पूर्ण रूप से भारत का नागरिक नहीं हो सकता।"
मौलाना अबुल कलाम ने जिंदगी के अनुभवों के आधार पर बहुत गूढ़ बात कही थी जो आज की पीढ़ी के लिए भी उतनी ही काम की है...
बहुत सारे लोग पेड़ लगाते हैं, लेकिन उनमें से कुछ को ही उसका फल मिलता है।
मौलाना अबुल कलाम कहते थे—
दिल से दी गयी शिक्षा समाज में क्रांति ला सकता है।
स्वाधीनता संग्राम सेनानी और देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम को जन्मदिन की बधाई। उनकी लिखी एक प्रसिद्ध रचना ये भी है...
बे-ख़ुद भी हैं होशियार भी हैं देखने वाले
इन मस्त निगाहों की अदा और ही कुछ है