Kesari Modak Recipe in Hindi: 19 सितंबर से शुरू हुआ गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2023) का महाउत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। गाजे-बाजे के साथ घर-घर में बुद्धि के देवता गणपति बप्पा विराजमान हैं। गौरतलब है कि 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में पूरी श्रद्धा भाव से गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में लोग गणपति बप्पा को भोग लगाने के लिए अलग-अलग तरह के व्यंजन भी तैयार करते हैं। कहा जाता है कि मोदक श्री गणेश का पसंदीदा भोग है। इसी कड़ी में हम आपको गणेश चतुर्थी के 10 दिन 10 अलग-अलग तरह के मोदक की रेसिपी बता रहे हैं।

पहले दिन के लिए हम आपके साथ ड्राई फ्रूट्स मोदक, दूसरे दिन के लिए चॉकलेट मोदक, तीसरे दिन के लिए चना दाल मोदन, चौथे दिन के लिए पान गुलकंद मोदक और पांचवे दिन के लिए शुगर फ्री खजूर मोदक की आसान रेपिसी शेयर कर चुके हैं। अब, छठे दिन बप्पा को भोग लगाने के लिए हम आपको केसरी मोदक की आसान रेसिपी बता रहे हैं।

तैयार कर लें ये सामग्री

  • 200 ग्राम चावल का आटा
  • 150 मिली. पानी
  • एक चुटकी नमक
  • 3 चम्मच घी
  • 150 ग्राम नारियल का बुरादा
  • 150 ग्राम गुड़
  • 2 ग्राम इलाइची पाउडर
  • 20 ग्राम काजू
  • 15 ग्राम किशमिश
  • 1 ग्राम केसर

कैसे बनाएं मोदक?

  • केसरी मोदक बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में पानी को उबलने के लिए रख दें।
  • थोड़ी देर बाद जब पानी उबलने लगे तब इसमें एक चुटकी नमक, एक चम्मच घी, केसर और चावल का आटा डाल दें।
  • सभी चीजें आपस में अच्छी तरह से घुल जाने के बाद पैन को किसी गीले कपड़े से ढककर 10 मिनट के लिए एक तरफ रख दें।
  • अब गैस पर एक कड़ाही चढ़ाएं और इसमें एक चम्मच घी, नारियल का बुरादा और गुड़ को डालकर हल्के हाथों से चलाते रहें।
  • जब गुड़ घुलना शुरू हो जाए तब इसमें इलाइची पाउडर, काजू और किशमिश डालें।
  • इसके बाद पैन से कपड़े को हटाएं और तैयार मिश्रण से सोफ्ट डो तैयार कर लें।
  • इस डो से छोटी-छोटी लोई बनाएं और गोल आकार में बेलना शुरू कर दें।
  • अब डो को छोटे बाउल की शेप दें और इसमें नारियल का बुरादा, गुड़, इलाइची पाउडर, काजू और किशमिश से तैयार मिश्रण की स्टफिंग भरें।
  • इसके बाद इसे मोदक का आकार देना शुरू कर दें।
  • आप चाहें तो सजाने के लिए मोदक पर ऊपर से भी केसर के रेशे डाल सकते हैं।

इस तरह बेहद आसानी से आपके स्वाद में लाजवाब केसरी मोदक बनकर तैयार हो जाएंगे। छठवें दिन बप्पा को इन मोदक के साथ भोग लगाएं और फिर प्रसाद के रूप में खुद भी इनका सेवन करें।