भारत में दिवाली को रोशनी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या के राजा राम वापस आए तो वहां के लोगों ने दिए जलाकर उनका स्वागत किया था तबसे दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इसके अलावा भी कई कहानियां हैं जो दिवाली मनाने के साथ जुड़ी हुई हैं। इस दिन लक्ष्मी जी का जन्मदिन भी माना जाता है। इसलिए इस दिन दिवाली मनाई जाती है। इसके अलावा दिवाली के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं जो इस त्योहार को और खास बनाती हैं।
इस दिन भगवान विष्णु ने वमन अवतार धारण करके लक्ष्मी जी को बाली की कैद से छुड़ाया था। दिवाली मनाने के पीछे यह भी एक कारण है।इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने 16,000 महिलाओं को बंदी बना रखा था जिन्हें कृष्ण ने उसका वध करके मुक्त किया था। इसलिए दिवाली के त्योहार में एक दिन इस विजय के रूप में मनाया जाता है।
कार्तिक अमावस्या के दिन पांडव 12 साल के अज्ञातवास के बाद वापस आए थे। पांडवों को मानने वाली प्रजा ने इस दिन दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। रावण का वध करके 14 साल के वनवास के बाद राजा राम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आए थे। इस दिन नगरवासियों ने पूरे नगर को सजाकर दिये जलाए थे। तब से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
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इस दिन हिंदू धर्म के महान राजा विक्रमादित्य का राजतिलक हुआ था। इसलिए भी दिवाली एक ऐतिहासिक त्योहार है। महार्षि दयानंद ने इस दिन निर्वान की प्राप्ति की थी। इसलिए भी दिवाली एक खास त्योहार है।
यह दिन जैन समुदाय के लिए भी खास है। इस दिन जैन गुरु महावीर ने निर्वान की प्राप्ति की थी इसलिए जैन समुदाय भी दिवाली मनाता है। सिक्ख समुदाय के लिए भी यह त्योहार खास है। इस दिन छठे सिक्ख गुरु हरगोबिंद को 52 अन्य राजाओं के साथ ग्वालियर फोर्ट में कैद से छोड़ा गया था।