Chinese New Year 2020: भारत का पड़ोसी देश चीन इन दिनों खतरनाक कोरोना वायरस के चलते बुरी तरह प्रभावित है। कोरोना वायरस की चमेट में आने से चीन में 41 लोगों की मौत हो चुकी है। अब इसका सीधा असर चीन के नए वर्ष के आयोजन पर पड़ेगा। चीन के कई शहरों में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिसके चलते दुनिया भर में फेसम चीनी नया साल का जश्न फीका ही रहने वाला है। लोग अपने घरों में ही रहकर अपने नए साल का स्वागत करेंगे। बहुत से सार्वजनिक स्थलों पर होने वाले कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
भले ही पूरी दुनिया 31 दिसंबर से ही नए साल के स्वागत और उसके जश्न में डूबने लगती है लेकिन चीन में ऐसा नहीं है। इसकी वजह चीन का पारंपरिक कैलेंडर है। जोकि पश्चिमी कैलेंडर से अलग है। चीन के पारंपरिक कैलेंडर के मुताबिक, यहां 2020 का नया साल 25 जनवरी से शुरू होगा। नए साल के उपलक्ष्य में 15 दिनों तक जश्न मनाया जाएगा। इस दौरान चीन की संस्कृति को दुनिया देखती है। इसे ‘लूनर न्यू ईयर’ के नाम से भी जाना जाता है।
चीन में नए साल को मनाने का तरीका बेहद ही रोमांचक है। चीन का राशि चक्र दुनियाभर में फेमस है। चीन के नए साल का राशिचक्र जानवरों पर आधारित होता है। चीन की एस्ट्रोलॉली के राशि चक्र में 12 जनवर होते हैं। इसमें घोड़ा, ड्रैगन, बकरी, मुर्गा, बंदर, कुत्ता, सुअर, बाघ, बैल, चूहा, सांप और खरगोश शामिल हैं। चीन के लोगों का मानना है कि इन्हीं 12 जानवरों ने सबसे पहले भगवान बुद्ध को सम्मानित किया था। वहीं, अन्य चीन की ही अन्य मान्यता के मुताबिक, एक पशु ही प्रत्येक इंसान के जन्म के वर्ष का प्रतिनिधित्व करता है। जोकि व्यक्तित्व और जीवन को दर्शाता है।
साल 2020 के लिए चीनी एस्ट्रोलॉजी में चूहा चुना गया है। 2019 में शूकर यानी सुअर और जबकि 2018 में कुत्ता चुना गया था। यहां नया साल जिस जानवर के साथ शुरू होता है, उसी की तस्वीरें और पोस्टर्स पूरे देश में लगाए जाते हैं। बाकायदा तोहफे में भी वही दिया जाता है। ऐसा करना चीन में शुभ माना जाता है। चीन में नए साल के जश्न का समापन लालटेन उत्सव के साथ होता है।
चीन में नए साल पर लोग जश्न के दौरान शेर का मुखौटा लगा कर नाचते हैं। यह जश्न मनाने का कोई तरीका नहीं बल्कि एक मान्यता के चलते ऐसा करते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि नियान नाम का एक राक्षस नए साल पर लोगों को निशाना बनाता था। इससे बचने के लिए लोगों ने शेर की एक कठपुतली का सहारा लिया। जो तरीका काम कर गया और लोगों को उससे निजात मिल जाती है। भले ही आज चीन के कई देशों में पटाखे पर रोक लगा दी हो लेकिन बताते हैं कि पटाखे की प्रथा भी नियान नाम के दैत्य के समय ही शुरू हुई थी। चीन में नए साल पर चावल से बनी मिठाई खाने की परंपरा भी है। इस मिठाई को नियान गो कहते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि नए साल पर तरक्की मिलती है और आर्थिक स्थिति भी सुधरती है।
