बचपन में जिन बच्चों को ज्यादा या बार-बार भूख लगती है उनमें बड़े होने पर इंपल्स कंट्रोल प्रॉब्लम्स आने लगती है। मतलब ये कि वो अपने गुस्से पर कंट्रोल नहीं कर पाते और कभी-कभी बात हाथापाई तक पहुंच जाती है। इस रिसर्च में शामिल लोग जो बचपन में बार-बार भूख लगने की बात कहते थे उनमें से 37% ने देखा कि इससे उनके बिहेवियर में भी काफी बदलाव आया है। वो काफी एग्रेसिव रहते थे इतना कि अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाते थे। वहीं बचपन में इस तरह भूख की शिकायत ना करने वालों में केवल 15% लोग थे जो गुस्सैल और एग्रेसिव थे।
इससे पहले हुई रिसर्च्स में बच्चों की पढ़ाई और उनके खाने की आदतों को लेकर कई बातें सामने आई हैं। लेकिन ऐसा पहली बार है जब खाने की वजह से व्यवहार में बदलाव की बात कही गई हो। टेक्सास यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एलेक्स कहती हैं, खाना तरीके से और भरपूर ना खाने पर बच्चों में कई तरीके की कमी आ जाती है। पढ़ाई में कमजोर होना भी इसकी एक निशानी है। जब बच्चे पढ़ाई में फेल होते हैं तो इस बात का असर उनकी दूसरी चीजों पर भी पड़ता है। रिपोर्ट में सजेस्ट किया गया है कि बच्चों को बैलेंस्ड डाइट देकर हम इस तरह की समस्याओं से बच सकते हैं और उन्हें फ्यूचर के लिए स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं।
