Chandra Shekhar Azad Jayanti 2020 Images, Quotes: भारत मां के अमर सपूत और महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती है। 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ में जन्मे आजाद के नाम से अंग्रेज कांपते थे। आजाद के बचपन का नाम चंद्रशेखर सीताराम तिवारी था। स्वतंत्रता संघर्ष में अंग्रेजों की चूले हिला देने वाले आजाद ने कसम खाई थी कि वे कभी जिंदा अंग्रेजों के हाथ नहीं आएंगे और आखिरी दम तक अपनी इस प्रतिज्ञा पर कायम रहे। आइए जानते हैं चंद्रशेखर आजाद से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
गुफा में रहते थे सन्यासी के वेश में: स्वतंत्रता संघर्ष में अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले आजाद हमेशा अंग्रेजों के निशाने पर थे। इससे बचने के लिए उन्होंने झांसी के पास एक मंदिर में 8 फीट गहरी और 4 फीट चौड़ी गुफा बनाई थी, जिसमें वे सन्यासी के वेश में रहा करते थे। हालांकि बाद में अंग्रेजों को उनके इस गुप्त ठिकाने का पता चल गया और वहां दबिश दी गई। कहा जाता है कि आजाद स्त्री का वेश बनाकर वहां से निकलने में कामयाब रहे। आपको बता दें कि चंद्रशेखर आजाद जब 14 साल के थे तभी उन्होंने महात्मा गांधी के साथ असहयोग आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
आदिवासियों से लिया था तीरंदाजी का प्रशिक्षण: जालियांवाला बाग कांड के बाद चंद्रशेखर आजाद आग बबूला हो गए। उन्होंने झाबुआ में आदिवासियों से बाकायदे तीरंदाजी का प्रशिक्षण लिया, ताकि हर स्थिति में अंग्रेजों से लोहा ले सकें। आजाद हमेशा अपने साथ माउजर (पिस्टल) रखते थे। जिसका नाम उन्होंने ‘बमतुल बुखारा’ रखा था।
नष्ट करवा दी थीं अपनी तस्वीरें: आपको बता दें कि आजाद नहीं चाहते थे कि उनकी कोई तस्वीर अंग्रेजों के हाथ लगे इसलिए अपनी सारी तस्वीरें नष्ट करवा दी थी। हालांकि उनकी एक आखिरी तस्वीर झांसी में रह गई थी और अपने एक दोस्त को इस तस्वीर को नष्ट करवाने के लिए भेजा था। लेकिन यह संभव नहीं हो सका।
चंद्रशेखर आजाद के प्रेरक कथन :
– मैं अपने संपूर्ण जीवन के अंतिम सांस तक देश के लिए शत्रु से लड़ता रहूंगा
– मैं एक ऐसे धर्म को मानता हूं जो समानता और भाईचारा सिखाता है
– सच्चा धर्म वही है जो स्वतंत्रता को परम मूल्य की तरह स्थापित करे
– दुश्मन की एक-एक गोली का हम डटकर सामना करेंगे। आजाद हैं और आजाद रहेंगे
– इस जवानी का क्या फायदा यदि मातृभूमि के काम ना आए। जो युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता उसका जीवन व्यर्थ है
दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे
आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे
वे कभी- कभी इस शेर को कुछ इस तरह भी गाते थे.
दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे
आजाद ही रहे हैं, आजाद ही मरेंगे...
'चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्म में हैं. इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं. मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है. कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है.'
'दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो. प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो, क्योंकि सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है.'
'अगर आपके लहू में रोष नहीं है, तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है. ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मातृभूमि के काम ना आए.'
'मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है.'
'दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे.'
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाता है।
दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे,आजाद ही रहे हैं, आजाद रहेंगे।
अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है;
जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है।