शेयर बाजार के दिग्गज राकेश झुनझुनवाला आज एक जाना-पहचाना नाम हैं। आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि शेयर बाजार से पैसा कमाने की सोचने से पहले खुद को जोखिम उठाने के लिए तैयार करना होता है। ऐसा ही कुछ राकेश के साथ भी था। उन्होंने अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहा था कि उनके पिता इनकम टैक्स अधिकारी थे और यहीं से उन्हें शेयर बाजार में रुचि आई थी।
राकेश झुनझुनवाला ने बताया था, ‘मेरे पास तो पैसे भी नहीं हुआ करते थे। पिता के कहने पर मैंने CA किया था। लेकिन बाद में मैं शेयर बाजार में अपनी किस्मत आजमाना चाहता था। पिता ने साफ कह दिया था कि हमारे पास पैसे मांगने के लिए बिल्कुल भी मत आना। मेरा भाई भी CA था और उस दौरान वो प्रैक्टिस करता था। उसने मुझे 2-3 क्लाइंट से मिलवा दिया। उस जमाने में ब्याज 12-13 प्रतिशत मिलता था।’
राकेश झुनझुनवाला आगे बताते हैं, ‘मैंने उन्हें कहा कि मैं 18 प्रतिशत ब्याज दूंगा। सबसे पहले मुझे एक महिला ने ढाई लाख रुपए दिए। उन्होंने मुझसे सिक्योरिटी मांगी तो मैंने कहा कि मैं ही हूं सिक्योरिटी में। उन्होंने कहा कि ठीक है, पहले तुम्हें आधे पैसे मिलेंगे। पहले तू सवा लाख रुपए के शेयर ले और उसे मेरे पास रखवा फिर बाकि के शेयर ले। मैंने ऐसे काम चालू किया। एक और क्लाइंट मिला, उसने मुझे 10 लाख रुपए दिए।’
शेयर बाजार में एंट्री: राकेश झुनझुनवाला बताते हैं, ‘ये 1985 की बात है और मैं शेयर बाजार में एंट्री ही कर रहा था। उस समय कुछ ही महीनों में मैंने साढ़े बारह लाख रुपए से 30 लाख रुपए कमाया था। उस जमाने में मैंने 4 लाख रुपए टैक्स भी दिया था। कभी पिता जी प्रोत्साहित नहीं करते थे, भाई के क्लाइंट नहीं रहते थे। शादी के बाद भी दो-तीन साल मंदे रहे।’
पत्नी को दिलाया एसी: बकौल राकेश झुनझुनवाला, साल 1989 में मैंने सारे पैसे बजट पर लगा दिए थे। मेरी पत्नी ने डिमांड रखी थी कि घर में एसी होना चाहिए। 6 बजे मेरी नेटवर्थ 3 करोड़ थी और 9 बजे मेरी नेटवर्थ 20 करोड़ रुपए थी। मैं घर पहुंचा और पत्नी को बताया कि रेखा हमारा एसी आ गया है।