आपने अक्सर दादी-नानी को छोटी-छोटी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने पर नाभि में तेल लगाने की सलाह देते हुए सुना होगा। खासकर अगर आपके होठ फट गए हों, वात और पित्त दोष परेशान कर रहा हो, पाचन ठीक से नहीं हो पा रहा हो, तो वे आपको नाभि में तेल डालकर सुला देती हैं, लेकिन क्या कभी आपने इसके पीछे की वजन जानने की कोशिश की है? अगर नहीं, तो बता दें कि नाभि को शरीर की वो चमत्कारी बिंदु माना जाता है, जिसकी मदद से कई छोटी-बड़ी बीमारियों से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेद‍िक इलाज में भी नाभ‍ि की मदद से शरीर की कई समस्‍याएं दूर की जाती हैं।

आयुर्वेद‍ के मुताबिक, नाभ‍ि के पीछे पेकोट‍ी ग्रंथ‍ि पाई जाती है। वहीं, पेकोट‍ी ग्‍लैंड शरीर की नसों और अंगों से जुड़ी होती है। इसी कड़ी में शरीर की समस्‍याएं दूर करने के ल‍िए पेकोटी व‍िधि‍ का सहारा ल‍िया जाता है। पेकोटी व‍िध‍ि का मतलब ही है नाभ‍ि में तेल डालना। आयुर्वेद की मानें, तो नाभ‍ि में तेल डालने से ना केवल आप शरीर को कई तरह की बीमारियों से दूर रख सकते हैं, बल्कि ये विधि 45 की उम्र में भी 25 वाला निखार पाने में आपकी मदद कर सकती है। हालांकि, इसके लिए आपको कुछ खास तेल की जरूरत होगी। आइए जानते हैं इसके बारे में-

नारियल और नीम का तेल दिखाएगा असर

  • इसके लिए एक छोटी कटोरी में थोड़े से नारियल और नीम के तेल को अच्छे से मिक्स कर लें।
  • अब सोने से पहले तैयार तेल की दो बूंद नाभि में डालें।
  • थोड़ी देर इसे ऐसे ही भरा रहने दें और फिर उंगली की मदद से 2 से 3 मिनट मसाज करें।

कैसे करता है असर?

  • बता दें कि ये दोनों तेल मिलकर त्वचा को अंदर से रेडिएंट और निखरा हुआ बनाने में असरदार साबित हो सकते हैं।
  • आयुर्वेद‍ के मुताबिक, नीम और नारियल का तेल स्किन को स्‍मूथ और क्‍लीन करने का काम करता है। वहीं, एक साथ मिलाने पर ये और बेहतर तरीके से असर दिखा सकता है।
  • सोने से पहले नारियल और नीम का तेल नाभि पर लगाने से पिंपल, एक्ने, रुखी और बेजान त्वचा से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • इन दोनों तेल में ही एंटी-बैक्‍टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो स्किन को किसी भी तरह का नुकसान होने से बचाकर उसे अंदर से जवां बनाने का काम करते हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।